चतुर्थी नवरात्रि: मां कूष्मांडा मां कुष्मांडा व्रत कथा–

जय माता दी

Sunny Nath Sharma 
  
           चतुर्थी नवरात्रि: मां कूष्मांडा

मां कुष्मांडा व्रत कथा–

माता ने अपनी हल्की,मंद मुस्कान से ही इस श्रृष्टि की रचना की है इसलिए ही इनको कुष्मांडा कहा जाता है। जब कुछ भी नही था चारो तरफ सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था तब इन्ही माता ने अपनी मुस्कान से इस श्रृष्टि को जन्म दिया। इनको आदिस्वरूपा या आदिशक्ति भी कहा गया है। 

मां कुष्मांडा का स्वरूप–

माता की आठ भुजाएं है इसलिए माता अष्टभुजा कहलाई गई है।।इनकेसात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूण कलश चक्र तथा गदा हैं।आठवें हाथ में सभी सद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है।इनका वाहन सिंह है।इनके तेज़ से दसों दिशाएं प्रकाशित हो रही है।
 
मां कुष्मांडा का मंत्र–

सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च | दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ||

मां कुष्मांडा की आरती–

कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे।
सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

आशा करता हूं,आपको मेरे द्वारा दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी।
आप मेरी यूट्यूब चैनल ,“SUNNY NATH” को भी सब्सक्राइब करें,वहां पर आप लाइव चैट में जुड़ कर मेरे से फ्री में बातचीत कर सकते है।
मेरा नंबर ,वेबसाइट और मेरे चैनल दोनो पर ही है।
किसी भी क्रिया/साधना को करने के लिए आप मेरे साथ संपर्क कर सकते है। मेरी सारी सर्विसेज पैड है।

आदेश आदेश

SUNNY NATH SHARMA

No comments:

Post a Comment