SUNNY NATH SHARMA
जय गुरु गोरखनाथ चेतावनी:-इस लेख में वर्णित नियम ,सूत्र,व्याख्याए,तथ्य स्वयंके अभ्यास-अनुभव के आधार पर एवं गुरू-साधु-संतों के कथन,ज्योतिष-वास्तु-वैदिक-तांत्रिक-आध्यात्मिक-साबरी ग्रंथो,मान्यताओं और जानकारियों के आधार पर मात्र शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु दी जाती है।हम इनकी पुष्टी नही करते,अतः बिना गुरु के निर्देशन के साधनाए या प्रयोग ना करे। ©कॉपी राइट एक्ट 1957) सनी नाथ शर्मा ! WHATSAAP:-+91-9891595270 youtube channel :- SUNNY NATH & 9 NATH 84 SIDH
🔥 “दीवाली की रात करें गुरु मंत्र का हवन — सिद्धि और कृपा प्राप्ति का दुर्लभ योग”
“दीवाली की रात के 5 सिद्ध टोटके – धन, शांति और सफलता पाने का रहस्य”
दशहरे के दिन हवन (यज्ञ) करना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि यह दिन भगवान राम की विजय और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। हवन करने से घर में शांति, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि आती है।
मैं आपको सरल और घर पर किए जाने वाले दशहरा हवन विधि बता रहा हूँ:
🔅 दशहरा हवन सामग्री
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स्वच्छ हवन कुंड या तांबे/पीतल का पात्र
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आम की लकड़ी या छोटे हवन की लकड़ियाँ
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घी (शुद्ध गाय का घी सर्वोत्तम)
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कपूर
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हवन सामग्री (गुग्गल, लोबान, चंदन, जटामासी, इलायची, लौंग, चावल आदि)
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गंगा जल
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फूल, अक्षत (चावल)
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कलश (पानी, आम के पत्ते और नारियल से सजाकर)
🔅 हवन विधि
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शुद्धिकरण
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पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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हवन स्थल को गंगा जल या गोमूत्र से शुद्ध करें।
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संकल्प
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दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प करें:"आज विजयादशमी पर मैं परिवार की शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए हवन कर रहा हूँ।"
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आह्वान
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गणेश जी, नवग्रह और कुलदेवता का ध्यान करें।
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हवन कुंड में लकड़ियाँ सजाएँ, कपूर और घी डालकर अग्नि प्रज्वलित करें।
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मंत्रोच्चारण
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हवन सामग्री अग्नि में डालते समय यह मंत्र बोलें:“ॐ स्वाहा”
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आप चाहें तो “ॐ नमः भगवते रामचंद्राय स्वाहा” मंत्र से भी आहुति दे सकते हैं।
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आहुति देना
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हर आहुति में थोड़ा घी और हवन सामग्री अग्नि में डालें।
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कम से कम 11 या 21 आहुतियाँ दें।
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पूर्णाहुति
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अंत में नारियल या सुपारी पर हल्का सा घी लगाकर अग्नि में डालें।
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हाथ जोड़कर प्रार्थना करें:“हे भगवान राम, जैसे आपने असत्य पर विजय पाई, वैसे ही हमारे जीवन में धर्म और सत्य की विजय हो।”
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आरती और प्रसाद
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हवन के बाद भगवान राम, माँ दुर्गा या अपने इष्टदेव की आरती करें।
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परिवार के साथ प्रसाद बाँटें।
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बहुत अच्छा 🙏। मैं आपको सरल और घरेलू दशहरा हवन मंत्रों की सूची देता हूँ, ताकि आप आराम से घर पर हवन कर सकें।
🔅 दशहरा हवन मंत्र सूची
1. प्रारंभिक मंत्र (शुद्धि और गणेश वंदना)
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ॐ गं गणपतये नमः (3 बार)
2. अग्नि प्रज्वलन मंत्र
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ॐ अग्नये स्वाहा
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आहुति: घी + कपूर
3. देवता आह्वान मंत्र
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ॐ आदित्याय स्वाहा (सूर्य देव के लिए)
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ॐ सोमाय स्वाहा (चंद्र देव के लिए)
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ॐ रामचन्द्राय नमः स्वाहा (भगवान राम के लिए)
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ॐ दुर्गायै नमः स्वाहा (माँ दुर्गा के लिए)
👉 हर मंत्र पर थोड़ा-सा हवन सामग्री व घी अग्नि में डालें।
4. मुख्य हवन मंत्र
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ॐ नमः भगवते रामचन्द्राय स्वाहा
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ॐ दुं दुर्गायै नमः स्वाहा
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ॐ हनुमते नमः स्वाहा
👉 इन मंत्रों को 11 या 21 बार दोहराते हुए आहुति दें।
5. पूर्णाहुति मंत्र
अंत में नारियल या सुपारी पर घी लगाकर अग्नि में डालते हुए बोलें:
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ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥ स्वाहा ॥
6. प्रार्थना
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“हे भगवान राम, माँ दुर्गा और श्रीहनुमान, हमारे जीवन से अज्ञान, अहंकार और नकारात्मकता को दूर कर हमें धर्म, सत्य और विजय का मार्ग दिखाएँ।”
👉 इस तरह का सरल घरेलू हवन लगभग 20–30 मिनट में पूरा हो जाता है और पूरे परिवार के लिए मंगलकारी होता है।
दशहरे का पर्व साधना और शक्ति अर्जन का अत्यंत शुभ समय माना जाता है। इस दिन किया गया गुरु मंत्र का जाप और सिद्धि शीघ्र फलदायी होती है।
दशहरे पर गुरु मंत्र सिद्धि की विधि
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शुद्धि और संकल्प
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दशहरे के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थान पर दीपक जलाकर ईष्ट व गुरु का ध्यान करें।
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संकल्प लें कि आप अमुक गुरु मंत्र को दशहरे के दिन से निश्चित संख्या में जपकर सिद्ध करेंगे।
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गुरु पूजन
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गुरु की तस्वीर या मूर्ति को सामने रखकर फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
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हाथ जोड़कर गुरु का आशीर्वाद लें।
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मंत्र जप प्रारंभ
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गुरु द्वारा दिया गया गुरु मंत्र ही सर्वोत्तम है, पर यदि न मिला हो तो गुरु गोरखनाथ या अपने ईष्ट का गुरु मंत्र लिया जा सकता है।
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दशहरे के दिन से शुरू करके कम से कम 108, 1008 या 1.25 लाख जप की साधना करने का नियम बनाएं।
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जप के लिए रुद्राक्ष, चंद्र, तुलसी या क्रिस्टल की माला का प्रयोग करें।
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विशेष विधि
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मंत्र जप हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें।
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दशहरे के दिन अगर आप मंत्र की 11, 21 या 108 माला जप लेते हैं तो यह मंत्र की सिद्धि का प्रारंभ हो जाता है।
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जप के समय दीपक, घी या तिल के तेल का जलता रहे।
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नैवेद्य और भोग
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साधना पूर्ण होने पर गुरु को प्रसाद अर्पित करें।
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गुरुदेव को नमन कर प्रसाद स्वयं ग्रहण करें और परिवार को भी दें।
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मंत्र सिद्धि के लक्षण
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जब जप के दौरान मन एकाग्र होने लगे, स्वप्न में गुरु का आशीर्वाद दिखे या साधना में विशेष शक्ति का अनुभव हो, तो समझिए कि मंत्र सिद्धि के मार्ग पर है।
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👉 दशहरे से शुरू किया गया गुरु मंत्र जप, साधक को आध्यात्मिक उन्नति, भय से मुक्ति और सफलता का वरदान देता है।
🌺 दशहरे पर मंत्र-जाप कैसे करें 🌺
🌺 दशहरे पर मंत्र-जाप कैसे करें 🌺
दशहरा विजय का पर्व है – बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश। इस दिन किया गया मंत्र-जाप अत्यंत फलदायी और शक्तिशाली माना जाता है। सही विधि से जप करने पर नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सफलता व सुख-समृद्धि आती है।
✨ मंत्र-जाप की विधि ✨
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स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें – शरीर और मन दोनों को पवित्र करें।
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पूजन स्थल तैयार करें – एक साफ स्थान पर दीपक, धूप और फूल चढ़ाएँ।
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देवी या भगवान का ध्यान करें – जिस शक्ति में आस्था है, उसी की मूर्ति या चित्र सामने रखें।
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मंत्र का चयन करें –
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माँ दुर्गा के लिए: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥
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श्रीराम भक्तों के लिए: श्रीराम जय राम जय जय राम॥
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शक्ति साधना के लिए: ॐ दुं दुर्गायै नमः॥
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माला का प्रयोग करें – रुद्राक्ष या चंदन की माला से 108 बार जप करें।
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संकल्प लेकर जाप करें – मन में अपनी प्रार्थना या इच्छा का संकल्प लें और पूरी श्रद्धा से जप करें।
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अंत में प्रार्थना करें – जप पूरा होने के बाद आरती करें और प्रसाद चढ़ाएँ।
🌟 लाभ 🌟
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घर और मन की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
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आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
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कार्यों में विजय और सफलता मिलती है।
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माँ दुर्गा और भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
🙏 इस दशहरे पर मंत्र-जाप करके अपने जीवन में विजय, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें। 🌸


