कितने प्रकार के गुरु मंत्र होते हैं, और उनमें से सबसे शक्तिशाली गुरु मंत्र कौन-सा है?"


🔶 गुरु मंत्र कितने प्रकार के होते हैं?

गुरु मंत्रों को कई आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है, लेकिन मुख्य रूप से ये तीन प्रकार के माने जाते हैं:


1. बीज रूप गुरु मंत्र (Seed Mantra)

छोटे लेकिन अत्यंत शक्तिशाली। ये मंत्र ऊर्जा के बीज होते हैं। जैसे:

  • "ॐ गुरवे नमः"

  • "ॐ ह्रीं श्रीं गुरवे नमः"

  • "गं गुरुभ्यो नमः"

ये मंत्र सीधे आपकी चेतना को गुरु-तत्त्व से जोड़ते हैं।


2. दशाक्षरी या अधिक वर्णों वाले गुरु मंत्र (Extended Mantras)

ये मंत्र विशेष रूप से दीक्षा के समय दिए जाते हैं। इनमें विशेष देवता, तत्त्व या शक्ति का आह्वान होता है। उदाहरण:

  • "ॐ नमो भगवते गुरु देवाय"

  • "ॐ परमं ज्ञानं गुरवे नमः"


3. गुरु गायत्री मंत्र (Gurudev Gayatri)

गायत्री छंद में बने गुरु के विशेष मंत्र:

"ॐ तत्सत् परं ज्योतिर्गुरु रूपाय धीमहि।
तन्नो गुरु: प्रचोदयात्॥"

यह मंत्र गुरु की ब्रह्मरूप चेतना को साधक के भीतर प्रज्वलित करता है।


🔱 सबसे शक्तिशाली गुरु मंत्र कौन-सा है?

यह व्यक्ति पर निर्भर करता है, लेकिन सार्वभौमिक रूप से शक्तिशाली और व्यापक प्रभाव वाला गुरु मंत्र माना गया है:

"ॐ गुरवे नमः"

क्यों?

  • यह अत्यंत सरल, सारगर्भित और सीधे "गुरु तत्त्व" से जोड़ने वाला मंत्र है।

  • यह मंत्र गुरु के निराकार और साकार दोनों स्वरूपों को स्वीकार करता है।

  • आप इसे बिना दीक्षा के भी श्रद्धा से जप सकते हैं।


🙏 जाप विधि (कैसे करें?)

  • शांत स्थान पर बैठकर या ध्यान में जाप करें।

  • प्रतिदिन 108 बार (या जितना समय हो) जप करें।

  • मन में गुरु का स्वरूप रखें – चाहे वह साकार हो या निराकार।


अगर आपके पास कोई गुरु दीक्षा से मिला मंत्र है, तो वही आपके लिए सबसे शक्तिशाली होता है। परंतु अगर नहीं है, तो "ॐ गुरवे नमः" से शुरुआत करना सर्वोत्तम रहेगा।





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