(गोगा जी) के व्रत के बारे में एक सुंदर और स्पष्ट पोस्ट दी गई है, BY SUNNY NATH SHARMA

(गोगा जी) के व्रत के बारे में एक सुंदर और स्पष्ट पोस्ट दी गई है, जो आप सोशल मीडिया या कहीं भी शेयर कर सकते हैं। यह विधि अनुसार लिखा गया है और श्रद्धा भाव से भरा हुआ है:


🌺 गोगा जी के व्रत की विधि एवं महत्व 🌺
🙏 जय गोगा जी महाराज 🙏

📅 व्रत का दिन: भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी (गोगा नवमी)
🌾 यह व्रत मुख्यतः नाग पंचमी के बाद आता है और विशेष रूप से गोगा जी महाराज को समर्पित होता है।

🕉️ व्रत विधि इस प्रकार है:

  1. स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

  2. घर या मंदिर में गोगा जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।

  3. पीली मिट्टी (या गोबर) से गोगा जी का स्वरूप बनाएं और उसमें नाग देवता का चिन्ह अवश्य रखें।

  4. गुगल धूप, दीप जलाकर पूजा आरंभ करें।

  5. हल्दी, कुमकुम, चावल, फूल, नारियल, दूध, जल आदि से पूजा करें।

  6. गोगा जी को चूरमा, दही, बाफले या खीर का भोग लगाएं।

  7. गोगा जी की कथा एवं आरती करें। विशेषकर ‘गोगा जी की जन्मकथा’ सुने या पढ़ें।

  8. साँपों से रक्षा और संतान सुख हेतु विशेष मनोकामना करें।

  9. भोग लगाने के बाद प्रसाद बाँटें और व्रत पूर्ण करें।


🐍 व्रत का महत्व:

गोगा जी को 'जाहरवीर' भी कहा जाता है। वे नागों के देवता हैं और विष से रक्षा करते हैं। जो भी श्रद्धा भाव से यह व्रत करता है, उसे सर्प भय, रोग, और संकट से मुक्ति मिलती है।


📿 गोगा जी का मंत्र:
"जै गोगा वीर, राखो मेरी लाज। सांचे दरबार की जै हो।"

🛐 गोगा जी महाराज की कृपा सभी पर बनी रहे।
🙏 जै जाहरवीर गोगा जी महाराज 🙏





No comments:

Post a Comment