भैरव जयंती पर भगवान भैरव की पूजा और मंत्र जाप का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान भैरव के आशीर्वाद से नकारात्मक शक्तियों, बाधाओं और डर से मुक्ति मिलती है। यहां भैरव जयंती पर मंत्र जाप की विधि दी गई है:

 भैरव जयंती पर भगवान भैरव की पूजा और मंत्र जाप का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान भैरव के आशीर्वाद से नकारात्मक शक्तियों, बाधाओं और डर से मुक्ति मिलती है। यहां भैरव जयंती पर मंत्र जाप की विधि दी गई है:


### 1. पूजन की तैयारी

- **स्थान**: एक स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें। भैरव मंदिर या घर में ही पूजा कर सकते हैं।

- **वस्त्र**: सफेद या काले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये भगवान भैरव के प्रिय रंग माने जाते हैं।

- **सामग्री**: भगवान भैरव की प्रतिमा या तस्वीर, काले तिल, काले तिलक (काजल या काली हल्दी), जल, रोली, अक्षत, इत्र, पुष्प, धूप, दीपक, और प्रसाद।


### 2. भगवान भैरव की स्थापना

- भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं।

- काले तिल, धूप, और दीपक के साथ उनकी आराधना करें।


### 3. मंत्र जाप

भैरव जयंती पर निम्न मंत्रों का जाप शुभ और प्रभावी माना जाता है:


#### (1) बीज मंत्र:

   ```

   ॐ भ्रं भैरवाय नमः

   ```


   - इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे मन की शांति और नकारात्मकता दूर होती है।


#### (2) काल भैरव मंत्र:

   ```

   ॐ कालभैरवाय नमः

   ```


   - इस मंत्र का 11 या 21 माला (108 बार) जाप करना उत्तम माना जाता है। यह मंत्र जीवन में सुरक्षा और साहस प्रदान करता है।


#### (3) काल भैरव अष्टक मंत्र:

   ```

   ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरुकुरु भैरवाय नमः।

   ```


   - इस मंत्र का जाप करने से भय, अनहोनी और कष्टों से मुक्ति मिलती है।


### 4. ध्यान और प्रार्थना

- मंत्र जाप के बाद भैरव जी का ध्यान करें और उनसे अपने जीवन में सुख, शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें।

- अंत में भगवान भैरव की आरती करें और उन्हें प्रसाद अर्पित करें।


भैरव जयंती पर मंत्र जाप से व्यक्ति को साहस, आत्मबल और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है।



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