धन धान्य समृद्धि मिलती हैं घर का उपद्रव शांत होकर घर में सुख शांति का वातावरण होता है मन की इच्छाएं पूर्ण होती है घर में सुख शांति समृद्धि और बरकत होती है इस प्रयोग से DHAN PRAPTI GURUMKUHI SIDDH NATH PANTHI SHABAR MANTRA PARYOG

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हो जिन लोगों के घर में दुख दरिद्रता साथ नहीं छोड़ती है जिन लोगों के घर में किसी न किसी प्रकार की विपत्ति रहती है वह लोग इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं या एक शाबर मंत्र है सर्वप्रथम इस मंत्र को पहले सिद्ध करना पड़ता है जो लोग गुरु दीक्षित हैं जिनके पास गुरु मंत्र है वह लोग इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं ज्यादा जानकारी के लिए मेरी यूट्यूब चैनल सनी नाथ को जरूर देखे चैनल को सब्सक्राइब करें और बैल आइकन पर क्लिक कर जरूर कर ले बाकी की सारी सर्विस पेड़ है साधना के अनुसार खर्चा हो प्रसाद रहता है जिसकी जानकारी मेरी वेबसाइट एवं यूट्यूब चैनल के डिस्क्रिप्शन बॉक्स और लाइव स्ट्रीमिंग में आपको मिल जाएगी रुद्राक्ष की माला के ऊपर 21 दिन 41 से गुरु आज्ञा से इस मंत्र का आपको जाप करना है आप किसी धुने पर बैठकर भी इस मंत्र को सिद्ध कर सकते हो या एक शाबर मंत्र है नाथ संप्रदाय में सबसे अधिक मंत्र है इस मंत्र का प्रयोग योग्य गुरु के सानिध्य में करना अन्यथा घर में किसी प्रकार की तांत्रिक किया विपत्ति होती है तो उसकी भी काट इस मंत्र के प्रयोग से हो जाती है कोई भी प्रयोग बिना जानकारी के ना करें नाथ संप्रदाय के प्रयोग पूर्ण रूप से सुरक्षित प्रयोग है लेकिन जिन लोगों का प्रैक्टिकल के लिए ज्ञान है जिन लोगों ने इनको अजमा कर देखा है वह लोगों के सानिध्य में मंत्रों का प्रयोग करें अन्यथा यह मंत्र जानकारी के पात्र से ही इस पोस्ट को समझे और इस मंत्र का प्रयोग ना करें ।

घृत में लाल सुपारी रखकर उक्त मंत्र से 108बार मंत्र पढ़कर लाल कपड़े में सुपारी बांधकर रख देने से रिध्दी सिध्दी मिलती हैं, इस मंत्र के प्रयोग में सुपारी सुरक्षित अपने पास रखनी है उसे सुपारी को किसी लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी अपनी अलमारी जहां पर भी पैसा रखते हैं वहां पर रख लेना मंत्र का प्रयोग नीचे लिखित है रुद्राक्ष की माला के ऊपर मंत्र पढ़ना है कोई भी आसन चलेगा और किसी भी नाथ के धोने पर इस मंत्र को अगर जपते ज्यादा जल्दी कार्य करता है ।

 ॐ गुरुजी सात समुद्र सात समुद्र बीच द्वीप द्वीप में टापू टापू में मढ़ी मसाण मढ़ी मसाण में आँक का वृक्ष आँक के वृक्ष के नीचें बैठी गौरां पार्वती माई गौरां पार्वती माई ने मढ़ी मसाण की विभुति फेंक कर गुफा बनाई गुफा का नाम रखा वज्जर योगिनी गुफ़ा वज्जर योगिनी गुफ़ा में गौरां पार्वती माई ने दोनों पुत्रों को बिठाया एक नाम कार्तिकेय दूजे का नाम गणेश कार्तिकेय ने शिव जोग विद्या उपाई गणेश लिया बुलाई गौरी नन्द गणेश सुपारी में बैठा हाथ अंकुश फरशा माथे मुकुट कानों कुण्डल काली जटा पाँव खड़ाऊ तन सिन्दूर काँधे जनेऊँ गले पुष्पमाला गणेश हुँकारत आया बारह कोस की ऋद्धि लाया चौबीस कोस कि बुद्धि लाया अस्सी कोस की सिद्धि लाया सोलह योजन का भण्डार भरता आया चलो चलो गौरां पार्वती माई के पुत्र गणेश चलो जहां चलाऊं तहाँ चलो हजार हजार मन की शिला बरसाते चलो उड़ते चलते यक्ष यक्षणियों को पकड़ते चलो बैरी दुश्मन को पाताल में धरते चलो अन्न पुरें विष्णु जी ब्रम्हा जी पुरें पानी ऋद्धि बुद्धि तो गणेश पुरें घृत पुरें त्रिपुरा भवानी ईश्वर महादेव जी भण्डार भरे गौरां पार्वती भरें शील सन्तोष आदेश आदेश श्री नाथ जी गुरुजी को आदेश आदेश ।

मंत्र के प्रयोग से पहले मंत्र के शब्दों को अच्छे से ध्यान पूर्वक पढ़ ले मंत्र कंठस्थ कर ले फिर ही मंत्र का प्रयोग करें अन्यथा मंत्र का प्रयोग ऐसे नहीं करना जन कल्याण हेतु किया एवं मंत्र यहां पर प्रकाशित है गुरुमुखी ज्ञान एवं गुरुमुखी वाणी गुरु के मुख्य एवं आदेश से ही चलती है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।

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