ਲੱਖ ਦਾਤਾ ਜੀ ਕਿ ਕਲਾਮ (सखी सुलतान पीर )
ਧੰਨ ਧੰਨ ਸਖੀ ਸੁਲਤਾਨ ,ਤੇਰੇ ਜਾਗਦੇ ਦੀਵਾਨ ਦੇਵੀ ਨੇਣ ਤੇ ਪਰਾਣ,ਕਰੀ ਮੁਸਕਿਲਾ ਅਸਾਨ ਮਿਆ ਰਾਣਾ,ਢੌਡਾ ਖਾਣ,ਬਾਬਾ ਖੇਰ ਤੇ ਭੇਰੋ ਛੜੀਆ ਕਰੇ ਚੋਰੀ ਸਖੀ ਸੁਲਾਤਨ ਬੋਹੜ ਐਸੀ ਘੜੀ,ਦਾਨੀ ਜੱਟੀ ਸਿਮਰੀਏ ਕੀਤਿਆ ਮੁਸਕਿਲਾ ਹੱਲਲਾ ਇਲ੍ਲਾ ਮਿਹਰ ਕਰ ਇਲ ਇਲ੍ਲਾ ਜਬਰ ਕਰ ਮੈ ਅਜੀਜ ਬੰਦਾ ਤੇਰਾ ਮੇਰੀ ਫਰਿਆਦ ਕਬੂਲ ਕਰ ਬਿਸਮਿਲਾ ਲਾ ਇੱਲਾ ਇੱਲਾ,ਮੁੰਹਮਦ ਪਾਕ-ਰਸੂਲ ਇਲਾ ਅੱਲਾ ਬੱਲੀਕੂਲੇ ਨੂਰ,ਜਾ ਮੁੰਹਮਦ ਜਾ ਰਸੂਲ,ਤੇਰੀ ਕਸ਼ਤੀ ਤੇਰਾ ਪੁਰ
ਪਰ ਲ੍ਘੁਣਾ ਆਪ ਹਜੂਰ ,ਜਾ ਰ੍ਸ਼ੂਲ ਖੁਦਾ ਦਾ ਬੇੜਾ ਬਨੇ ਲਾਵਦਾ ਦਮ ਮੇਰਾ ਦਮ ਦਿੱਲ ਦਾ ਸ਼ਾਹ ,ਤੇਰਾ ਡੰਕਾ ਬਰਕਰਾਰ ਤੂੰ ਬੋਹੜੇ ਕੁਲ ਜਹਾਨ,ਤੇਰਾ ਮੇਲਾ ਹਰ ਮੇਦਨ ਲਾ ਇੱਲਾ,ਇਲ -ਇਲ੍ਲਾ ,ਮੁੰਹਮਦ ਪਾਕ ਰ੍ਸ਼ੂਲ ਇੱੱਲਾ ਤੂੰ ਖਾੜਿਆ ਦਾ ਪਿਹ੍ਲਵਾਂਨ,ਤੇਰੀ ਜੰਝ ਢੂਕੀ ਸੁਲਤਾਨ ਹੁਰਾ ਮੰਗਲ ਗਾਉਦੀਆ ਧੰਨ ਸਖੀ ਸਰਵਰ ਪੀਰ ਮਿਆ ਰਾਣਾ ਢੌਡੇ ਜੇਨਾ,ਹੱਥ ਵਿਚ ਮੋਚੇ ਪਾਨ,ਡੂਬੀਆ
ਧੋਲਿਏ ਦਾੜੀਏ ਕੁਕੜ-ਪਿਨਿਏ ਪਗੇ ਮੈ ਅਰਜ਼ ਕਰੀਦਾ ਲੱਖ ਦਾਤੇ ਪੀਰ ਦੇ ਅੱਗੇ , ਹਫ੍ਲ ਜਾਂਦੀਆ ਬੇਲਾ ਨੂੰ ਫੱਲ ਲਗੇ ਤੂੰ ਪੀਰ ਮੇਰਾ ਮੈ ਮੁਰੀਦ ਤੇਰਾ ਤੂੰ ਬੇਠਾ ਗਲੀਚਾ ਮੱਲ ਕੇ ,ਆਈ ਸੰਗਤ ਦੂਰੋ ਚੱਲ ਕੇ ਸੁਬਹ ਹੋਈ ਪੀਰ ਜਾਗੇ ,ਖੁਲੇ ਦਰਿਸ਼ਤਾ ਦੇ ਦਰਵਾਜ਼ੇ ਮਾ ਐੱਸਾ ਦੀ ਕੁੱਖੋ ਪੀਰ ਜੰਮਿਆ,ਤੇਨੂੰ ਚੋਹੀ ਕੁੱਟੀ ਮੰਨਿਆ ਤੇਰਾ ਵਖਤ ਨਮਾਜ ਦਾ ,ਪੀਰਾ ਸਾਡਾ ਵਖਤ ਫਰਿਆਦ ਦਾ ਚੜ ਕੱਕੀ ਪਾ ਫੇਰਾ ,ਤੇਨੁਨੁ ਮੰਨਦਾ ਚਾਰ -ਚੁਫੇਰਾ ਤੇਨੁ ਜੱਲ ਇਚ ਸੇਦੀਆ ਮੱਛੀਆ,ਅਮ੍ਬ੍ਰ ਸੇਦੇ ਤਾਰੇ ਵਿਚ ਦਰਵਾਰ ਦੇ ਜੀ ਸੱਜਦਾ ਤੇਨੁਨੁ ਫੇਰੁ ਬ੍ਰਹਾਮਣ ਸਿਮਰਿਆ ,ਕਾਇਆ ਦੇ ਦੁੱਖ ਮਿਟਾਏ ਤੇਨੁਨੁ ਈਸਾ ਬਾਣੀਆ ਸਿਮਰਿਆ ,ਓਹਦੀ ਬਣਤ ਬਣਾਈ ਕੱਕੀ ਮੇਰੇ ਪੀਰ ਦੀ ,ਜਾਂਦੀ ਪਰਵਤ ਚੀਰਦੀ ਹੇ ਮੇਰੀ ਸੱਚੀ ਸਰਕਾਰ ਸਾਡੀ ਅਰਜ਼ ਤੇਰੇ ਅੱਗੇ ਇਸੇ ਵਖਤ ਬੋਹੜੀ ਮੁਰੀਦ ਦੇ ਅੱਗੇ ਅਮੀਨ ਅਮੀਨ ਅਮੀਨ !
आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए सखी सरवर सखी सुल्तान लाला वाले लखदाता पीर जी की टाहर लेकर आया हूं इस शहर का प्रयोग आप गुरु कृपा से कर सकते हो इस टाहर के प्रयोग से आप आप विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकते हो किसी व्यक्ति के ऊपर अगर मूठ का प्रयोग किया गया है या फिर उस व्यक्ति के ऊपर किसी तांत्रिक क्रिया का प्रयोग किया गया है किसी प्रकार का जिन हमजाद इत्यादि या फिर किसी प्रकार की परी या यक्षिणी का प्रयोग किया गया है या कोई दैविक शक्ति या पित्र जोकि प्रेत के रूप में है और वह अपने परिवार अथवा किसी अन्य व्यक्ति के ऊपर कोई क्रिया का प्रयोग किया गया है तब आप इसका प्रयोग कर सकते हो इसको पहले आपको सिद्ध करना पड़ता है नित्य 101 जाप गुरु आज्ञा से करना है 41 दिनों में यह पूर्ण रूप से कार्य करने लग जाता है फिर इस मंत्र क
ी शक्ति का एहसास भगत को होने लगता है यह एक गुरुमुखी जाप है यह एक सिद्ध मंत्र है जो कि स्वयं में अप्रकाशित और यह गुरुओं पीरों के मुख से लिए गए शब्द है जिनका प्रयोग अपने निजी जीवन में अपनी पीढ़ी में कर कर ही आप लोगों तक पहुंचाया जाता है ज्यादा जानकारी के लिए मेरे युटुब चैनल सनी नाथ पर विजिट जरूर करें चैनल को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर क्लिक करें डिस्क्रिप्शन बॉक्स जरूर चेक करें लाइव चैट में मेरे साथ बात कर सकते हो बाकी की सर्विस पेड़ है भोग प्रसाद आने के बाद अथवा आप लोग मेरे साथ कंसल्ट करके ही बात कर सकते हो मेरी वेबसाइट पर दी गई जानकारी को अच्छे से पढ़ ले फिर ही मेरे साथ आप लोग कंसल्ट करें इस मंत्र का प्रयोग करने से पहले कुछ नियम है उनको आप लोग अच्छे से समझें जिन की जानकारी मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर मिल जाएगी हरे रंग की माला के ऊपर आपने नित्य 101 या फिर 108p कर सकते हो माला आप 101 मनके की या फिर 108 मनके दोनों में से कोई भी ले सकते हो चिता कुर्ता पजामा पहन कर आपने इस साधना को करना है संकल्प लेकर मीठे चावल का भोग लगाते हुए और दो दीपक आपने जलाने हैं उनके समक्ष किसी भी आसन पर बैठकर ऊपर दिए गए मंत्र का नियमित रूप से हर एक नियम की
पालना करते हुए गुरु आज्ञा की पालना करते हुए इस क्लब का प्रयोग करना है यह एक सिद्ध मंत्र साबित हो सकता है आप इस मंत्र के प्रयोग से जनकल्याण भी कर सकते हो मंत्र प्रमाणित है मंत्र कभी भी फेल नहीं होगा यह हम यहां पर दावा कर रहे हैं क्योंकि हमने करा कई शिष्यों ने करा पीढ़ी ने जपा जब उनके ऊपर यह मंत्र कार्य कर रहा है तो आप लोगों के ऊपर भी यह मंत्र लागू होगा कर्म और गुरु नियम गुरु से बढ़कर कोई नहीं है जो लोग गुरु निरादर करते हैं अथवा गुरु को गाली गलौज देते हैं या फिर गुरु की आज्ञा से बाहर होते हैं उन लोगों की कोई भी साधना सफल नहीं होगी कोई भी व्यक्ति गुरुमंत्र लेने से सिद्ध नहीं हो जाता है क्योंकि गुरु आज्ञा जरूरी है गुरु खुश रहेंगे तो देवता खुश रहेगा यह गुरुमुखी वाणी है क्योंकि देवता और आपके बीच में गुरु का स्थान आता है तो पहले गुरु का मान रखना पड़ता है फिर भी आपकी साधना सिद्धियां पूर्ण रूप से सफल होती है लोबान की धूनी देते हुए 41 दिनों तक जाप करना है किसी अन्य प्रकार की जानकारी के लिए आप लोग मेरे साथ कंसल्ट कर सकते हो आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।
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