आदेश आदेश
Sunny Nath Sharma
आइए जानते है की ही हिंदू मान्यताओं के अनुसार कितने प्रकार के श्राद्ध होते है?
विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध कई प्रकार के होते है,भविष्य पुराण में बारह, यज्ञस्मृति में पांच, व मत्स्य पुराण में तीन प्रकार के श्राद्ध के बारे में बताया गया है।
नित्य श्राद्ध – जो हम प्रतिदिन तर्पण करते है और गौ ग्रास निकालते है, उसी को नित्य श्राद्ध कहते है।
पुष्ट्यार्थ श्राद्ध – यह श्राद्ध अपने वंश और व्यापार की वृद्धि के लिए किया जाता है।
नेमित्तिक श्राद्ध – यह श्राद्ध पितृ पक्ष में किया जाता है।
यात्रार्थ श्राद्ध – ये श्राद्ध तीर्थ यात्रा पर जाने से पहले या तीर्थ यात्रा पर किया जाता है।
गोष्ठी श्राद्ध – अपनी वंश वृद्धि के लिए गौशाला में किए जाना वाला श्राद्ध।
कमार्ग श्राद्ध –गर्बाधान, सीमांत और पुंसवन संस्कार के समय लिए जाने वाला श्राद्ध।
वृद्धि श्राद्ध व नांदीमुख श्राद्ध – यह श्राद्ध मुंडन,उपनयन और विवाह आदि शुभ अवसरों पर किया जाता है।
सपिंदन श्राद्ध–मृत्यु के पंच्यात प्रेतयोनी से मुक्ति के लिए मृतक पिंड का पितरों के पिंड में मिलना।
काम्ये श्राद्ध –यह श्राद्ध अपनी अभीष्ट कामना की पूर्ति के लिए किया जाता है।
दैविक श्राद्ध –देवी देवताओं के निमित्त यह श्राद्ध किया जाता है।
पार्वण श्राद्ध –अमावस्या,तिथि या पितृपक्ष में किया जाने वाला श्राद्ध।
शुद्धयर्थ श्राद्ध- शुद्धि हेतु जो श्राद्ध किया जाता है।
आशा करता हूं,आपको मेरे द्वारा दी हुई जानकारी अच्छी लगी होगी।
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