गुरु दीक्षा लेते समय गुरु को क्या-क्या सामग्री देनी पड़ती है विस्तार से विवरण गुरु दीक्षा का नियम और गुरु नियमों की पालना GURU DIKSHA MAIN GURU SAMAGRI AUR NIYAM

सतगुरु देव पूजन हेतु सामग्री (गुरु पूर्णिमा) जो लोग पास आने वाले ऑनलाइन यह सारी समगरी दीक्षा के समय लगती है।बाकी दीक्षा यह से लेनी इन से संपर्क करके समझ ले फिर सामग्री ले कर जाए आदेश आदेश ।

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए गुरु दीक्षा का प्रोसेस लेकर आया हूं काफी ज्यादा लोगों को लगता है कि आप लोगों को गुरु दीक्षा लेनी है या मुझे गुरु दीक्षित होना है वह आपको बताना चाहता हूं गुरु दीक्षा अगर आप ऑनलाइन लेते हो तो इस सामग्री का आपको खर्चा देना पड़ता है पैसा के लिए तो दे सामग्री आपको गुरु को देनी पड़ती है बाकी गुरु संस्था के जो नियम होते हैं जिससे आपने दीक्षित हो ना उसी हिसाब से चलना पड़ता है साधना सिद्धि करने से पहले गुरु दीक्षा का जो नियम होता है उन नियमों को गुरु के नियम गुरु पालना और आपने जो शुभ नक्षत्र होते हैं होली दीपावली को यह जितनी सामग्री आप देते हो आपने अपनी सामर्थ्य अनुसार गुरु को वस्त्र दान पूर्ण होने की सेवा या आपको करना पड़ता है और बाकी आप ने कि नहीं जो आपको श्रद्धा भावना होती है वह गुरु के धोने के लिए आप को भेजनी पड़ती है क्योंकि आपका संचार और आपका शक्तिपात उसी धोने से होना है कि आपका कर्म बनता है कि गुरु को आप पिता के रूप में ही पूछते हो बाकी की जितनी जानकारी है वह आप मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट करके चैनल को सब्सक्राइब करके वीडियो देख सकते हैं और लाइव चैट में मेरे साथ फ्री में बात कर सकते हैं बाकी की जानकारी आपको मेरी वेबसाइट पर मिल जाएगी और मेरे युटुब चैनल पर मिल जाएगी कोई भी साधना सिद्धि गुरु सानिध्य में ही होती है मेरा काम आप लोगों को जानकारी देना है किसी ने लेनी है नहीं लेनी है आप मेरे नंबर पर मैसेज कर सकते हैं नियम को समझ के जो खर्चा बहुत परेशान है वह लगना ही होता है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा 

गुरु पूजन करने हेतु जो सामग्री है वह इस प्रकार है

( 1) एक थाली पीतल
( 2 ) एक नारियल जट्टा वाला
( 3 ) पंचरंगी धागा मोली 
( 4 ) चावल , कुंकू , हल्दी, अबीर , चन्दन
( 5 ) एक कटोरी ,एक लोटा जल दोनो पीतल
( 6 ) धुप बत्ती 
( 7 ) एक घी का दीपक 
( 8 ) नैवेद्य , या मिठाई
( 9 ) भंगवा वस्त्र सवा पांच कुर्ता हेतु मीटर धोती , 
मस्तक पे बंधने हेतु सवा तीन मीटर , टॉवल, लंगोट, बनियान,

वैसे हर जगह के अनुसार अलग अलग पुजा पध्दति है पर यह सर्व मान्य सामग्री हैइसमे दक्षिणा शिष्य की श्रध्दा अनुसार होती है बाकी पुजा आश्रम मठ मंदिर के अनुसार होती हर हर जगह का गुरु दीक्षा विधान और भोग खर्चा अपना अपना आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ संस्था के अनुसार ही दीक्षा का आश्रम मठ मंदिर के अनुसार होती है विधान भोग खर्चा गुरु के अनुसार होता है अगर आप हवन का अनुष्ठान करते हो तो आपका खर्चा ज्यादा होता है अगर आप अपने हवन करवाते हो जिनमें बंधन मुक्ति आपके देवताओं को मनाने के लिए अथवा आपके साधना के रास्तों में जो अड़चनें आती है अड़चनों को हटाने के लिए आप हवन करवाते हो तो उसका अलग रहता है बाकी किसी भी संस्था किसी भी गुरु से आप जब दीक्षित होते हो सबका नियम दायरा और जो भोग होता है वह अलग अलग होता है अपने हिसाब से आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा

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