बहुत लोगों के सवाल हैं की सपने में सवारी आती हुई दिखती है उनको,

बहुत लोगों के सवाल हैं की सपने में सवारी आती हुई दिखती है उनको, या तो खुद पर या किसी और पर।
इस विषय पर बहुत वीडियो है पर अच्छे से समझने और समझाने वाले कम ही हैं।

जब भी किसी को खुद पर सवारी आती दिखती है तो उसको सबसे पहले किसी योग्य गुरु की शरण में जाना चाहिए, लेकिन अब चूंकि ढोंगी पाखंडी अज्ञानी लोग भी गुरु बन बन कर बैठ रहे हैं उन से बचना भी बहुत मुश्किल होता है।

सवारी आती दिखे तो कुछ संकेत भी मिलते हैं। या तो उस देवी या देवता का वाहन भी दिखेगा जैसे शेर, श्वान, हाथी, घोड़ा आदि। इस से भी अंदाजा लगाया जा सकता है किस की सवारी आती है।

ज़्यादा चांस उस ही शक्ति की सवारी आने का होता है जिसकी पूजा घर में सबसे ज्यादा होती है या फिर उस के साथ पूजे जाने वाले देवता आदि।

अगर सच में देवी या देवता ही सवारी होगी तो सपने में ही अपना परिचय भी देगी और कुछ जयकारा या वचन भी करेंगी। सब सवारी श्री राम का नाम ज़रूर लेंगी, और सच्चे दरबार की जय जयकार करेंगी ही करेंगी।

आज कल काली माता के नाम पर कोई भी जीभ निकाल कर बैठ जाता है, लेकिन माता महामाई की सवारी में जो होता है वो सिर्फ उस जगत जननी का कठोर परिश्रम करने वाला भक्त ही आपको गुरु रूप में बता सकता है।
भैरव बाबा के नाम पर लोग शराब पीते हैं जो की अक्षम्य है।
अब आप समझे की नाथों की सवारी इतनी कम क्यों आती है? क्योंकि कोई भी ढोंग में मज़ाक में चिमटा 1 बार भी उतने ज़ोर से मार ले तो हो हो गया बस।

सवारी लेना कोई मज़ाक नहीं है, जब किसी पर आती है किसी देवी देवता की सच्ची सवारी तो उसकी गर्दन कम से कम 3 दिन दर्द करेगी।

बड़े देवी देवता को हाजिर करने के लिए उतना ही बड़ा विचित्र जप तप का नियम करना पड़ता है। वैसे तो जिस पर कृपा होनी होती है उस पर थोड़े से भी हो जायेगी लेकिन मेहनत से नहीं डरना चाहिए।

सपने में बहुत चीजें दिखती हैं, अगर कोई साथ निभाने का वचन देता है तो ये सब देवता के ही वचन है, इसको किसी से नहीं कहना चाहिए।
ध्यान रखें अपना सपना किसी भी कश्यप गोत्र के इंसान को कभी न बताएं, शास्त्र का आदेश है।



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