(BABA KAAL BHAIRAV JI KA SHATRU SANGHAR MANTRA JAAP ) शत्रु संघार श्री काल भैरवनाथ जी का प्रयोग




आदेश आदेश मैं सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए श्री काल भैरव महाराज का सिद्ध शाबर मंत्र लेकर आया हूं जो लोगों को शत्रु तांत्रिक पीड़ा एवं जिन लोगों को कुछ लोग अपने फायदे के लिए जा वह लोग उनको नॉर्मल लाइफ में तांत्रिक क्रियाओं से परेशान करते हैं या वैसे ही परेशान करते हैं उन लोगों के लिए यह मंत्र प्रयोग है जहां पर अमुक और बहरी लिखा हुआ है वहां पर उस व्यक्ति का नाम लेना है जो व्यक्ति आपको परेशान करता है यह एक सिद्ध प्रयोग है गुरुमुखी प्रयोग है इस प्रयोग को प्रयोग कर सकते हैं । जो लोग गुरु दीक्षित हैं जिन लोगों ने गुरु मंत्र ले रखा है क्योंकि किसी भी प्रकार की तांत्रिक क्रिया की काट करने के लिए आपके पास अच्छा कब गुरु कृपा और गुरु का आशीर्वाद होना जरूरी है जब कोई देवता या उसके गण आपके पास सिद्ध होते हैं तब ही आप ऐसे मंत्रों का प्रयोग कर सकते हो यह गुप्त प्रयोग हैं इन प्रयोगों से आप जन कल्याण कर सकते हो ज्यादा जानकारी के लिए मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट कर सकते हो चैनल को सब्सक्राइब जरूर करना क्योंकि अगर आप फ्री में बात करना चाहते हो तो लाइट में ही मेरे साथ फ्री में बात हो गई है परामर्श लेना है साधना सिद्धि के बारे में पूछना है तो उनका उसी प्रकार से प्रसाद है मेरे साथ अगर बात करनी है फोन पर बात करने की फीस 1150 साधना सिद्धि से पहले अगर आप अरदास लगवाना चाहते हो 2550 भोग  और मेरे नंबर पर मैसेज करना है जब आप यह दोनों में से कोई कार्य करना चाहते हो नहीं तो लाइव चैट मेरे साथ बातचीत कर सकते हो । 9891595270 ।

मंत्र- “ॐ नमो, आदेश गुरू को ? काला भैंरु-कपपल जटा । भेरू खेले चौराह-चौहट्टा । मद्य-मांस को भोजन करे।जाग जाग सेकाला भेरू ! मात कालका के पूत ! साथे जोगी जङ्गम और अवधूत । मेरा वैरी (अमुक) तेरा भक। काट कलेजा, टहया चक्ख । भेजी का भजकड़ा कर । पांसला का दाँतन कर । लोहूका तूकुल्ला कर । मेरे बैरी(अमुक) को मार । मार-मार तूभसम कर डार । वाह-वाह रेकाला भेरू ! काम करो बेधड़क-भरपूर । जो तू मेरे वैरी दुश्मन(अमुक) को नहीं मारे, तो मात कालका का पिया दूध हराम करे। गॉगली तेलन, लूनी चमारन का – कुण्ड-मेंपड़े। वाचा,बाधा, ब्रह्मा की वाचा, पवष्णुकी वाचा, शशव-शङ्कर की वाचा, शब्द है सांचा, पिंड है काचा । गुरू की शजक्त, मेरी भजक्त ।चलो मन्त्त्र ! इसी वक्त । ॐ हूंिट् ।”

शिव मंत्र स्वामी ने के जाप के बाद सिद्ध होता है इस मंत्र का नित्य कर्म में आपने अनुष्ठान बिठाना है रुद्राक्ष की माला काले हकीक की माला इन दोनों में से कोई भी माला ले सकते हो काला आसन काले ही वस्त्र पहन कर आपने अमावस्या की राह से यह मंत्र जाप शुरू करना है 41 दिन तक आपने इस मंत्र का जाप करना है ब्रह्मचार्य जरूरी है ब्रह्मचारी खंडित नहीं होना चाहिए नाईट फॉल भी इस साधना में दिक्कत करता है गुरु का आशीर्वाद आसन मंत्र दे रक्षा मंत्र अपने घर की रक्षा मंत्र है इन सभी चीजों का प्रयोग रखना साधना किसी नदी के तट पर श्मशान में श्मशान के नजदीक किसी पहाड़ी के चोटी के ऊपर अथवा किसी सुनसान खंडर में कर सकते हो यह अनुष्ठान घर पर नहीं बिठाना है इसमें आपने श्री काल भैरव महाराज को मांस और मदिरा का भोग लगाना यह भोग 41 दिन लगातार रात्रि में लगना है तो साधना करने से पहले एक बार गुरु से सलाह मशवरा जरूर कर लेना यह साधना आम लोगों के लिए नहीं है अगर आप ऐसे करते हो तो लेखा-जोखा इसका रहता है हर एक चीज की पुष्टि अपनी क्षमता के आधार पर करी जाती है यह गुरु का ज्ञान है ग्रंथों का ज्ञान है करने से पहले सोच समझ ले विचार कर ले आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।




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