गुरु गोरखनाथ भारतीय योग और तंत्र के प्रमुख संतों में से एक हैं। उन्हें नाथ परंपरा का संस्थापक माना जाता है और वे योग साधना के लिए प्रसिद्ध हैं। गोरखनाथ जी का जीवन तप और साधना से भरा रहा, और उन्होंने अपने अनुयायियों को ध्यान और योग के माध्यम से आत्मा की पहचान करने की प्रेरणा दी।
उनका नाम विभिन्न ग्रंथों में मिलता है, और वे शाबर मंत्रों और तंत्र साधना के लिए जाने जाते हैं। गोरखनाथ जी की शिक्षाएं आज भी साधकों को मार्गदर्शन देती हैं। उनका योगदान भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता में अनमोल है।
गुरु गोरखनाथ जी का शाबर मंत्र जप कई साधकों द्वारा किया जाता है। यह मंत्र साधना और मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। एक प्रसिद्ध शाबर मंत्र है:
"ॐ ह्लीं गोरक्षाय नमः"
इस मंत्र का जाप सच्चे मन से और निष्ठा के साथ किया जाता है। इसे 108 बार जपने की परंपरा है। साधना करते समय शांत स्थान का चयन करें और मन को एकाग्र रखें।
गुरु गोरखनाथ जी की कृपा से सभी को सफलता मिले।
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