गुप्त नवरात्रि 2024 की तिथियाँ इस प्रकार हैं मंत्र जाप हवन करने की विधि यूट्यूब चैनल ! sunnynath & guru gorakhnath मोबाइल : 9891595270

गुप्त नवरात्रि 2024 की तिथियाँ इस प्रकार हैं:

- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि: 6 जुलाई 2024 से 14 जुलाई 2024

गुप्त नवरात्रि एक विशेष प्रकार की नवरात्रि होती है, जो मुख्य रूप से तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह नवरात्रि आमतौर पर दो बार मनाई जाती है: एक बार माघ मास में और दूसरी बार आषाढ़ मास में।

गुप्त नवरात्रि में माता की सेवा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहाँ कुछ प्रमुख बातें हैं जो गुप्त नवरात्रि के दौरान की जाती हैं:

1. **मंत्र जप**: गुप्त नवरात्रि में देवी के विशेष मंत्रों का जप किया जाता है। इनमें दुर्गा सप्तशती, देवी कवच, अर्गला स्तोत्र, कीलकम, और अन्य तांत्रिक मंत्र शामिल होते हैं।

2. **हवन और यज्ञ**: तंत्र साधना में हवन और यज्ञ का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में माता के प्रिय सामग्री से हवन किया जाता है।

3. **तंत्र साधना**: इस नवरात्रि में तंत्र साधना करने वाले साधक विशेष पूजा और अनुष्ठान करते हैं। इसमें देवी के विशेष यंत्रों का पूजन, तांत्रिक मंत्रों का उच्चारण और विशेष विधियों का पालन किया जाता है।

4. **ध्यान और साधना**: गुप्त नवरात्रि में ध्यान और साधना का भी विशेष महत्व है। साधक ध्यान में बैठकर माता की आराधना करते हैं और मन को शुद्ध करते हैं।

5. **व्रत और उपवास**: इस दौरान व्रत और उपवास का पालन किया जाता है। साधक केवल सात्विक आहार ग्रहण करते हैं और कई बार सिर्फ फलाहार पर ही रहते हैं।
गुप्त नवरात्रि में मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है। यहाँ कुछ प्रमुख मंत्र दिए जा रहे हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि के दौरान जाप किया जा सकता है:

1. **दुर्गा सप्तशती मंत्र**: 
   - "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"
   - इस मंत्र का जाप दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान किया जाता है।

2. **दुर्गा बीज मंत्र**:
   - "ॐ दुं दुर्गायै नमः"
   - इस मंत्र का जाप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

3. **महामृत्युंजय मंत्र**:
   - "ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
   - इस मंत्र का जाप शत्रुनाश और सुरक्षा के लिए किया जाता है।

4. **दुर्गा कवच**:
   - दुर्गा सप्तशती में वर्णित दुर्गा कवच का पाठ करने से सभी प्रकार की सुरक्षा प्राप्त होती है।

5. **सिद्ध कुंजिका स्तोत्र**:
   - "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं हौं जूं सः। ॐ जयन्ति मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा शिवा क्षमा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥"
   - यह स्तोत्र दुर्गा सप्तशती का संक्षिप्त रूप माना जाता है और इसकी विशेष शक्ति होती है।

6. **देवी सूक्तम**:
   - "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।"
   - यह एक शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है जो साधना के लिए उपयुक्त होता है।

गुप्त नवरात्रि के दौरान मंत्र जाप करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

- **नियमितता**: मंत्र जाप को नियमित रूप से एक ही समय पर और एक ही स्थान पर करना चाहिए।
- **संकल्प**: मंत्र जाप से पहले संकल्प लेना चाहिए और अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर जाप करना चाहिए।
- **शुद्धता**: जाप के समय शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
- **ध्यान**: मंत्र जाप के समय ध्यान और एकाग्रता बनाये रखना चाहिए।

इन मंत्रों का जाप करने से गुप्त नवरात्रि में देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

6. **माता का श्रृंगार**: देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों का श्रृंगार किया जाता है। हर दिन अलग-अलग देवी के रूप की पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्रि का उद्देश्य आत्मा की शुद्धि, मन की शांति और तंत्र साधना के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करना है।




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