गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, जो सितंबर या अक्टूबर के महीने में होती है।

 गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, जो सितंबर या अक्टूबर के महीने में होती है।


गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है और उन्हें पूजा की जाती है। लोग विभिन्न प्रकार के प्रसाद, फल, पत्ते, फूल आदि का उपयोग करके पूजा करते हैं। धार्मिक आधार पर, गणेश चतुर्थी के दिन उपवास का भी महत्व है। इस दिन लोग भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद के लिए व्रत रखते हैं। यह त्योहार भगवान गणेश की भक्ति, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है।


गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, मेले और उत्सवों का आयोजन करते हैं, और गणेश जी के गाने गाते हैं। इस दिन भक्तों ने भगवान गणेश की पूजा के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है।


यह त्योहार भारत और विश्व के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में। यहां लोग गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाते हैं और इसे 'गणेशोत्सव' के रूप में जानते हैं।


गणेश चतुर्थी के दिन, गणेश मंत्रों का जाप करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति होती है। यहां कुछ प्रमुख गणेश मंत्र हैं:


1. ॐ गं गणपतये नमः (Om Gam Ganapataye Namaha)

2. ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

   निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा॥ (Om Vakratunda Mahakaya Suryakoti Samaprabha।

   Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva-Kaaryeshu Sarvada॥)


इन मंत्रों को गणेश चतुर्थी के दिन जाप करने से आपके मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और आपको शुभ फल प्राप्त हो सकता है। ध्यान और श्रद्धा के साथ मंत्र जाप करें।




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