सूर्य घ्राण और सूर्य घ्राण की साधना करने का टाइमिंग 8 APRIL 2024 KO SURYA GRAHAN BHARAT MAIN HOGA KE NAHI JANNE KE LIYE POST PADHE

 8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण का समय विभिन्न स्थानों पर भिन्न हो सकता है, इसलिए यह तारीख और समय आपके स्थान के अनुसार बदल सकते हैं। इसके लिए सर्वोत्तम जानकारी के लिए आपको स्थानीय पंचांग या एस्ट्रोनॉमी वेबसाइटों की जांच करनी चाहिए। वहाँ पर आपको सूर्य ग्रहण के सटीक समय की जानकारी मिलेगी।


लेकिन, भारत में सूर्य ग्रहण का समय 8 अप्रैल 2024 को निम्नलिखित होगा:


- पूर्वाह्न में पार्टियल सूर्य ग्रहण शुरू होगा और 11:08 बजे तक चलेगा।

- सूर्य ग्रहण का मुख्य चरण 12:15 बजे पर होगा और 3 मिनट तक चलेगा।

- उत्तराह्न में पार्टियल सूर्य ग्रहण 2:21 बजे शुरू होगा और 5:32 बजे पूर्ण होगा।


ध्यान रहे कि यह समय भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार हैं। आपके स्थान के लिए सही समय के लिए स्थानीय पंचांग की जांच करें।


जी हां, आपकी जानकारी सही है। 8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण है। यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक घटना है और धार्मिक मान्यताओं में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय ऊपर बताए गए मंत्रों, प्रार्थनाओं और उपायों का अभ्यास करना सूर्य ग्रहण के समय शुभ फल प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, सूर्य ग्रहण के समय आपको ध्यान, प्रार्थना, और ध्यान की आवश्यकता होती है। यह आपके आंतरिक संतुलन और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है। ध्यान रखें कि आप अपने धार्मिक अनुसार इस समय को महत्वपूर्ण मान सकते हैं और उसी के अनुसार उपाय कर सकते हैं।


सूर्य ग्रहण में मंत्र साधना करने के लिए कुछ मंत्र और उपाय हैं जो विभिन्न धार्मिक परंपराओं और तांत्रिक शास्त्रों में प्रचलित हैं। यह मंत्र और उपाय आपको सूर्य ग्रहण के समय शक्ति प्राप्ति और सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं। निम्नलिखित कुछ मंत्र और उपाय हैं:


1. **आदित्य हृदय स्तोत्र**: इस स्तोत्र का पाठ सूर्य ग्रहण के समय करने से सूर्य की कृपा मिलती है और सुरक्षा प्राप्त होती है।


2. **ओम आदित्याय नमः**: इस मंत्र का जप सूर्य ग्रहण के समय करने से सूर्य की कृपा मिलती है।


3. **सूर्य मंत्र (ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः)**: यह मंत्र भी सूर्य ग्रहण के समय जप किया जा सकता है।


4. **ध्यान और प्रार्थना**: सूर्य ग्रहण के समय ध्यान और प्रार्थना करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। ध्यान के माध्यम से आप सूर्य की ऊर्जा को अपने अंतर में संचारित कर सकते हैं और प्रार्थना के माध्यम से उनसे कृपा प्राप्त कर सकते हैं।


5. **दान और पुण्य कर्म**: सूर्य ग्रहण के समय दान और पुण्य कर्म करने से भी आपको शक्ति और सुरक्षा प्राप्त हो सकती है। यह दान और कर्म आपके अंतरिक्ष में शुभता और समृद्धि का संचार करते हैं।


कृपया ध्यान दें कि ये मंत्र और उपाय सिद्ध गुरु के मार्गदर्शन में ही किए जाने चाहिए। इसके अलावा, आपको संबंधित धार्मिक ग्रंथों और आचार्यों से परामर्श लेना चाहिए। विशेष रूप से ध्यान दें कि यदि आपका कोई धर्मिक प्राथमिकताएं हैं, तो उन्हें प्राथमिकता दें।




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