शीतला माता को भारतीय धर्म में जीवनदात्री देवी माना जाता है और उन्हें संजीवनी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। शीतला माता की पूजा में जप का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है। शीतला माता के जप का मन्त्र निम्नलिखित है

 शीतला माता की बहन का नाम मांगला गौरी (Mangala Gauri) है। वे भी भारतीय हिंदू धर्म में पूज्य हैं और शारदा (सरस्वती), लक्ष्मी (धन और समृद्धि की देवी), और पार्वती (शिव की पत्नी) की तरह ही महत्त्वपूर्ण देवियों में गिनी जाती हैं। मांगला गौरी का पूजन भी भारतीय धार्मिक परंपरा में किया जाता है, खासतौर पर नवरात्रि के दौरान। 


मांगला गौरी को मांगलिक कार्यों, सुख, और समृद्धि की देवी माना जाता है। उन्हें पूजा करने से घर में सौभाग्य, सुख, समृद्धि, और सम्पत्ति की प्राप्ति होती है, तथा परिवार के सभी सदस्यों की सुरक्षा और खुशहाली की कामना की जाती है। 


इस प्रकार, मांगला गौरी और शीतला माता, जैसे की माँ, बहन के रूप में, दोनों ही हिंदू धर्म की महत्त्वपूर्ण देवियों में से हैं और उनका पूजन भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का संचार करता है।

शीतला माता को भारतीय धर्म में जीवनदात्री देवी माना जाता है और उन्हें संजीवनी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। शीतला माता की पूजा में जप का महत्व अत्यंत उच्च माना जाता है। शीतला माता के जप का मन्त्र निम्नलिखित है:


ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं क्लीं कपालिनी अस्मान् धारयंती शीतलाम्। मम अमुकं कुरु कुरु स्वाहा॥


शीतला माता के इस मन्त्र का जप करने से शीतला माता की कृपा प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से रोग निवृत्ति और समृद्धि प्राप्ति होती है। इस मन्त्र को नियमित रूप से जप करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा होती है और उन्हें समृद्धि का अनुभव होता है।


ध्यान रखें कि मन्त्र का जाप पूजा के साथ शुभ मुहूर्त में करना अधिक फलदायी होता है। यदि आपको इस मन्त्र का जाप करने में कोई संकोच हो रहा है, तो पंडित या धार्मिक गुरु से संपर्क करके उनकी मार्गदर्शन में जाएं।




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