गुरु एक प्रमुख सिद्ध योगी और संत थे, जिनका महाभारत काल में जीवन था। वे त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करने वाले देवी धारा के अद्भुत गुरु थे। उनका मंत्र जाप भक्तों को शक्ति, शांति और ध्यान में सहायता प्रदान करता है।

 गुरु एक प्रमुख सिद्ध योगी और संत थे, जिनका महाभारत काल में जीवन था। वे त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करने वाले देवी धारा के अद्भुत गुरु थे। उनका मंत्र जाप भक्तों को शक्ति, शांति और ध्यान में सहायता प्रदान करता है। 


यहां उनके एक मंत्र का जाप दिया जा रहा है, जो उनकी कृपा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयोग किया जा सकता है:


ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।


अमुकं ज्ञानवैराग्यसिद्धयर्थं पुरुषोत्तम प्रसाद सिद्धयर्थं जपे विनियोगः।


इस मंत्र का जाप नियमित रूप से किया जा सकता है, विशेष रूप से सुबह और शाम में ध्यान और जाप के साथ। यह ध्यान और मंत्र जाप आध्यात्मिक साधना में समृद्धि और साधक के मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण है।


कृपया ध्यान दें कि मंत्र जाप को अच्छे संदेश के साथ और सही गुरु के मार्गदर्शन में करना चाहिए। आध्यात्मिक प्रक्रियाओं को समझने और अनुष्ठान करने के लिए व्यक्तिगत संपर्क एवं गहन अध्ययन की आवश्यकता होती है।




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