जय जय कार सिद्ध योगी पोनाहारी बाबा बालकनाथ जी की ( सनी नाथ शर्मा )
1.) एक ओंकार सिद्ध योगी बाबा तेरी हो रही जै जै कार
हाथ मे चिमटा , बगल मे झोली हो मोर पर सवार ।।
पवन रूप मे आयो बाबा हो बाबा बालकनाथ
सनी नाथ तेरा गुण गावे करी भगतां के बेडे पार ।।
2.) गले मे सिंघी , हाथ मे बैरागण , शिव शंकर के अवतार ।।
धूना तेरा रमिया रहे हो बाबा बालकनाथ ।।
सनी नाथ तेरा गुण गावे करी भगतां के बेडे पार ।।
3.) माई रत्नो का लाल प्यारा , शाहतलाई मे डेरा
12 वर्षों तक गौआं चारे , अन्न त्याग योगी शिव शिव गावे ।।
माई रत्नो तेनु आवाजा मारे हो बाबा बालकनाथ ।।
सनी नाथ तेरा गुण गावे करी भगतां के बेडे पार ।।
4.) गुफ़ा तेरी मे मेले लगते , रोट प्रशाद के भोग तुझे लगते
धुनें पर तेरे सब दुख कटते हो बाबा बालकनाथ ।।
सनी नाथ तेरा गुण गावे करी भगतां के बेडे पार ।।
5.) दत्तात्रेय गुरु आपके , भगवें वाने की लाज रखावे
ब्रह्मा, विष्णु नित तेरी गुफा में आवे ।।
नारद शारद तेरा गुण गावे हो बाबा बालकनाथ ।।
सनी नाथ तेरा गुण गावे करी भगतां के बेडे पार ।।
6.) अपने नाम की धुनि रमाओ , शिव शंकर के आदेश पुगाओ ।
गुरु दत्तात्रेय की किरपा से आप , चार युगो को पार लगाओ
सनी जपदा नाम तुम्हारा , चेलो के दुख कषट मिटाओ ।।
इस कलयुग से पार उतारा करना जय हो बाबा बालक नाथ ।
सनी नाथ तेरा गुण गावे करी भगतां के बेडे पार ।।
अलख निरंजन
जय गुरु गोरखनाथ जी महाराज
जय बाबा बालकनाथ जी महाराज
जय गुरुदेव सनी नाथ जी महाराज
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