बहुत लोगों को सपने दिखते तो हैं पर याद नहीं रहते। सपने रात्रि या दिन का इंतजार नहीं करते, निद्रा यदि गहरी हो जाए तो आ ही जाते हैं। इस ही लिए महान विद्वानों के कथनानुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठने के पश्चात कर_दर्शन के बाद पूरा दिन भगवत अराधना और दैनिक क्रिया कार्यों में रत रहने के लिए प्रेरित किया गया है।
आज कल लोगों के पास कोई दिनचर्या का नियम नहीं है,
न उठने का समय न सोने का, और तो और खाना खाने के लिए भी वक्त नही है, चलते चलते रास्ते में खाना खाने की नौबत है। आधुनिक यंत्रों का अविष्कार समय की बचत और काम मेहनत में वही परिणाम पाने के हेतु किया गया था पर समय तो फिर भी नहीं। रात्रि की निद्रा के समय भी फोन या लैपटॉप ही होता है पास।90 प्रतिशत सपने दिन में जो घटित हुआ होता है वही दिखते हैं पर कभी-कभी भक्ति करने वाले लोगों को विशेष संकेत मिलते हैं।
ब्रह्मवैवर्त पुराण, कृष्ण जन्म खंड के 77वें अध्याय में सपनों के अर्थ बताए हैं।
सपने याद रखने के लिए कुछ विशेष बातें-
1. बिना गुरु के
कुछ नहीं होगा, गुरु धारण करके मंत्र जप करें। वैदिक मंत्र जैसे गायत्री मंत्र और महा मृत्युंजय मंत्र या किसी भी मंत्र में जिसमे ओंकार लगा हो उसको बिना आज्ञा के नहीं जप सकते। इस कारण भी फल नहीं मिलता।
2. मंत्र जप और पूजा का समय ऐसे व्यवस्थित करें की उसके सीधा बाद सो जाएं। ऐसा करने से सपने याद रखने में मदद होगी।
3. सोने से पहले फोन का प्रयोग न करें, क्योंकि ऐसा करने से जो चीज़ देख कर सोते है वही दिखने लगता है।
4. अपने इष्ट देवता, कुल देवता और कुल देवी की पूजा समय समय पर करते रहें, इनके कोप के कारण मंत्र जप का फल नहीं मिलत
ा और सपने याद नहीं रहते।
5. पितरों के निमित्त कुछ न कुछ दान कर्म करते रहने चाहिए ताकि वो भी कोई अड़चन न पैदा करें।
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