विविध कीलन
भय कीलूँ भैसासुर कीलूँ कीलूँ अपनी काया जागता मसान कीलूँ जिसकी बैठूँ छाया बलिहारी मुहम्मदा बीर की कीलूँ पवन बावरी मन चाहे जहाँ डोलूँ दुष्ट की मुष्ट कीलूँ मेरे कीले न कीलै तो अपनी माँ के सङ्ग हराम करे दुहाई मुहम्मदा वीर की ।
इस मंत्र को सिद्ध करने से पहले गणेश पूजन एवं गुरु पूजन कर लेना है गुरु आज्ञा से इस मंत्र का प्रयोग आपने अच्छे कार्य एवं जन कल्याण हेतु ही करना है मंत्र सिद्ध करने की विधि यह है स्वामी ने आपको इस मंत्र का नित्य 5 से 11 माला जप करना होगा और इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद आप प्रयोग में एक माला का ही जब करेंगे इसमें आप रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करेंगे आसन वस्त्र और पगड़ी आपके गुरु के द्वारा ही आपको मिली होती है वही प्रयोग में लेनी है साधना का सारे नियम इस साधना में लागू होते हैं ब्रह्मचारी कम बोलना एवं धूप अगरबत्ती नैवेद्य और साधना काल में आपने मीठी वस्तु का भोग लगाना है पहले और लास्ट दिन सवा किलो की देगा अपने पैरों के नाम से चलानी है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।
No comments:
Post a Comment