मंत्र सिद्ध है कैसे चलाये मंत्र को (काम के लिए ) MANTRA SIDH HAI KAISE CHALAYE MANTRA KO

मंत्र सिद्ध है कैसे चलाये मंत्र को (काम के लिए ) 


लोगो के अंदर लालसा होती है की मंत्र सिद्ध हो चूका है पर चलाये कैसे गुरु मंत्र के जाप के बाद मैं  उसको चलाना होता है ! कैसे चलाना है वो मैं आपको इस पोस्ट मैं बता दुगा आपको ! तंत्र मंत्र सिद्धि के लिए गुरु मंत्र ऐवम गुरु का होना बहुत ही जरूरी होता है अगर आपके गुरु नहीं है तो आप न ही कर्म कर सकते हो न ही किसी का कर्म काट सकते हो ! जयादा इंफोमशन के लिए आप मेरे यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते हो और मेरे पोस्ट पढ़ सकते हो ! 


मंत्र चलाना है तो क्या होना जरूरी है 


१) गुरु ऐवम गुरु मंत्र 

२) मंत्र सिद्धि 


यह दो चीज़े बहुत जरूरी होती है गुरु ऐवम गुरु मंत्र सिद्धि उसके बाद मैं आपने जिस मंत्र को सिद्ध किया होता है उसका पय्रोग कैसे करना है सबसे पहले घर के देवो का नाम लेने के बाद मैं आपको फिर गणेश पूजन गुरु पूजन के बाद मैं जिस मंत्र को अपने सिद्ध किया उस मंत्र को चलाना होता है लेकिन याद रहे यहाँ पर भोग मायने रखता है ! मंत्र सिद्धि टाइम आपके जो भोग (जिस भोग पर चीज़ चलाई) उस चीज़ को सिद्ध किया है उस भोग पर ही आपको काम लेना है मंत्र सिद्धि के बाद मैं आपको किसी भी शुभ दिन मैं उस मंत्र के एक माला अगर वो शाबर मंत्र है (वैदिक मंत्र है तो ११ माला ) करके उसका भोग देना है और जो काम करना है उसका संकल्प पहले ही ले लेना है ! जिसके लिए काम करना है उसका नाम गोरता और स्थान का नाम (अड्रेस) मन मैं बोल कर ही आपको मंत्र का जाप करना है और भोग देना है अगर मंत्र शाबर है तो ३ से ११ दिन मैं आपका काम कर देता है अगर मंत्र सिद्ध हो तो अगर वैदिक है तो ३ से ४१ दिन लगते है ! याद रहे काम होने पर आपको उसी स्थान पर ही दोवारा भोग देना होता है यहाँ अपने पहले भोग दिया है जिस मैं के जिस देव जा देवी की काम लिया जाता है उनके सामान के लिए और उनको खुश रखने के लिए दोवारा भोग दिया जाता है ! आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ ! गुरु बिना गति नहीं गुरु बना कर ही साधना सिद्ध करि जाती है गुरु जैसे आपको बताते है वो नियम पर ही आपको सेवा करनी गुरु मंत्र के से पहले आपको गणेश जी और भोलेनाथ की भगति करनी पढ़ती है फिर जा कर आसान पूजन फिर गुरु पूजा तभी आपकी पूजा सफल होती है गुरु ज्ञान आपको गुरु ही देंगे गुरु बना कर गुरु मंत्र का जाप और सपनो के अर्थ गुरु से पूछ कर आप सेवा मैं आगे बढ़ सकते हो आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ ! 






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