आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए माता मसानी के तारे की विधि लेकर आया है अगर किसी के ऊपर मसानी माता का प्रयोग है या किसी के घर में किसी प्रकार की दिक्कत रहती है तो इस उतारे से आपकी मुश्किल का समाधान हो जाएगा परंतु यह उतारा करने से पहले भक्ति अपने आप के ऊपर रक्षा मंत्र का प्रयोग किया आपने बजरंग बाण का पाठ करके अपने ऊपर बाबाजी का पहरा लगा लेना किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है जब घर में बरकत नहीं रहती है खाने पीने के लाले पड़ जाते हैं तब आपने इस विधि का प्रयोग करना है यह एक गुप्त विधि है अगर कुछ समझ में नहीं आता है तो आप मेरे से पूछ सकते हो वेबसाइट पर सारी जानकारी है मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर क्लिक जरूर करें और वहां पर लाइव चैट में आप अपना समाधान पूछ सकते हो उसके अलावा यूट्यूब पर भी इसकी जानकारी आपको मिल जाएगी कैसे करना है यह टोटका क्या प्रयोग है नीचे अच्छे से पल्ले आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।
यह माता मसानी का उतारा है सात्विक भोग यह एक सात्विक उतारा है इस उतारे में जो भोग लगता है उसमें अलग-अलग देवता जो माता के जोड़े में चलते हैं उनका भोग है जैसे कि इसमें 7 बताश्य हैं 7 माल पूरे हैं 7 मीठे पुडे हैं 7 ही इलायची है 7 लोगों का जोड़ा लगना है साथ जायफल है 7 मिठाई का पीस और एक सिगरेट का पैकेट जो कि अलग जोड़े में चीजें चलती है उनका लगना 7 प्रकार का ही सिंगार या अथवा 16 प्रकार का सिंगार आपने माता को लगाना है यह है सात्विक की क्रिया से माता का उतार तामसिक किराया का उतारा नीचे दिया गया ।
माता मसानी तामसिक उतारा किसे तामसिक उतारे में 7 कच्चे अंडे 7 बताशे 1 कपूर 1 काला देसी मुर्गा 7 बकरे की कलेजी ढाई सौ ग्राम मुर्गे का कच्चा मीट ढाई सौ ग्राम बकरे का मीट या आप खून भी ले सकते हो एक सिंदूर का पैकेट जब भी उतारा करना है आपके पास मसानी की गद्दी होना लाजमी है भक्तों के लिए है जिन लोगों के पास मसानी माता की सिद्धि है मंत्र उच्चारण भी साथ में है मंतर में गुप्त रखूंगा वह मैं इंटरनेट पर प्रकाशित नहीं करता हूं सर्वप्रथम गुरु सानिध्य में आपने पहले मंत्र सिद्ध करना है कृपा प्राप्ति लेनी है फिर भी आपने यह प्रयोग करना है इस पर योग का प्रभाव आपके ऊपर भी आ सकता है इसीलिए सोच समझकर इसका प्रयोग करें आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ जनकल्याण हेतु जानकारी मैंने यहां प्रकाशित करी है ।V
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