महामाई काली कलकत्ते वाली की अरदास शत्रु संघार शत्रु को दंड देने वाली अरदास (KAALI MATA KI ARDAS MAHAMAI KA SHATRU PAR BAR )

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए महामाई काली कलकत्ते वाली की अरदास लेकर आया हूं इस अरदास के पाठ से आप किसी भी शत्रु को पराजित कर सकते हो अगर कोई तांत्रिक आपको बार-बार परेशान करता है तब आपने इस मंत्र का जाप करना है ज्यादा जानकारी के लिए मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ विजिट जरूर करें चैनल को अच्छे से देखें और सुने चैनल को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर क्लिक करें लाइव चैट में आप मेरे साथ फ्री में बातचीत कर सकते हो बाकी की डिटेल डिस्क्रिप्शन बॉक्स में मेंशन है और यह साधना करने से पहले गुरु कृपा गुरु ध्यान गणेश पूजन और साधना का नियम आपको पता होना चाहिए आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।

 तुमसे अरज करूँ ऐ हो मात कालिका  मोहि जो सतावे सुख पावे न आठों याम । वाको तुम भक्ष लेओ मेरी मात कालिका  तुमसे अरज करूँ हाड़ तो हविष लेओ खाल को खविष लेओ, गले पहिनो मात, आँतन की जालिका तुमसे अरज करूँ  क्रोध करी धाओ शीघ्र धाओ मात  मेरे शत्रु (अमुक) को गिराओ मात वाके रुधिर से नहाओ, टीका लगाओ रक्त-लाली का तुमसे अरज करूँ  देख के स्वरूप तेरा योगिनी प्रसन्न होय  लागे वांके घाव पाके वाँके पाँव वाको अङ्गहू पिराय वाको बालक मर जाय  मेरा दुःख न सहो अब मात कालिका तुमसे अरज करूँ  ।

अमुक की जगह आपने शत्रु का नाम लेना होता है इस मंत्र का प्रयोग आप किसी भी शनिवार से शुरू कर सकते हैं सर्वप्रथम मंत्र को पहले सिद्ध करना पड़ता है यह मंत्र गुरु कृपा से ही सिद्ध होगा जिन लोगों के पास गुरु कृपा है जो लोग गुरु कृपा से चल रहे हैं जिनके पास गुरु मंत्र है वह इस मंत्र का पूर्ण प्रयोग कर सकते हो जाने कल्याण हेतु यह प्रयोग यहां पर प्रकाशित करा जा रहा है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर आपका पूरा करता है अथवा आपको बार-बार परेशान करता है तब आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो इस मंत्र को आपने पहले 21 दिन नित्य 5 माला जप करके सिद्ध कर लेना है आप किसी भी धोने पर इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो मां काली के मंदिर में इस मंत्र को प्रयोग में ला सकते हो या फिर स्वयं के मंदिर के सामने बैठकर मां काली जी की आगे आप ने ज्योति लगाकर धूप अगरबत्ती करते हुए गुरु दीक्षा जिन लोगों की हो चुकी है गुरु के आगे अरदास लगाते हुए इस मंत्र को रुद्राक्ष की माला के ऊपर पढ़ना है और ब्रह्मचर्य का पालन करना है नवरात्रि में 9 दिनों में ही यह मंत्र जागृत हो जाता है विधि सेम रहती है माता को पंचमेवा का भोग लगाना है और फिर आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो प्रयोग में आप 3 दिन 5 दिन लगातार प्रयोग में लाना है एक माला पढ़नी है शत्रु का नाम लेते जाना है अथवा शत्रु के नाम की 11 होती हवन में देनी है इसी मंत्र के साथ ही जगह शत्रु का नाम लगाना है और ज्यादा जानकारी के लिए आप मेरी वेबसाइट पर जानकारी पढ़कर मेरे साथ कांटेक्ट कर सकते हो आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।




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