समस्त योगिनियों का संबंध आदि शक्ति काली के कुल से है घोर नामक दैत्य से साथ युद्ध के समय आदि शक्ति काली ने ही समस्त योगिनियों के रूप में अवतार लिया था। महा विद्याएं सिद्ध विद्याएं भी योगनियों की ही श्रेणी में आती हैं ये भी आद्या शक्ति काली के ही भिन्न भिन्न अवतारी अंश हैं समस्त योगिनियां अपने अंदर नाना प्रकार के अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल जादू वशीकरण मारण स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं मुख्य रूप से योगिनियां अष्ट योगिनी तथा चौसठ योगिनी के नाम से जानी जाती हैं जो अपने गुणों तथा स्वभाव से भिन्न-भिन्न रूप धारण करती हैं
अष्ट योगिनियां
1. सुर-सुंदरी योगिनी, 2. मनोहरा योगिनी 3. कनकवती योगिनी 4. कामेश्वरी योगिनी, 5. रति सुंदरी योगिनी 6. पद्मिनी योगिनी 7. नतिनी योगिनी और 8. मधुमती योगिनी हैं
चौसठ योगिनी
१.बहुरूप २.तारा ३.नर्मदा ४.यमुना ५.शांति ६.वारुणी ७.क्षेमंकरी ८.ऐन्द्री ९.वाराही १०.रणवीरा ११.वानर-मुखी १२.वैष्णवी १३.कालरात्रि १४.वैद्यरूपा १५.चर्चिका १६.बेतली १७.छिन्नमस्तिका १८.वृषवाहन १९.ज्वाला कामिनी २०.घटवार २१.कराकाली २२.सरस्वती, २३. बिरूपा २४.कौवेरी २५.भलुका २६.नारसिंही २७.बिरजा २८.विकतांना २९.महालक्ष्मी ३०.कौमारी ३१.महामाया ३२.रति ३३.करकरी ३४.सर्पश्या ३५.यक्षिणी ३६.विनायकी ३७.विंद्यावालिनी ३८.वीर कुमारी ३९.माहेश्वरी ४०.अम्बिका ४१.कामिनी ४२. घटाबरी, ४३. स्तुती ४४. काली ४५. उमा ४६.नारायणी ४७.समुद्र ४८.ब्रह्मिनी ४९.ज्वालामुखी ५०.आग्नेयी ५१.अदिति ५२.चन्द्रकान्ति ५३. वायुवेगा ५४.चामुण्डा ५५.मूरति ५६.गंगा ५७.धूमावती ५८.गांधार ५९.सर्व मंगला ६०.अजिता ६१.सूर्य पुत्री ६२.वायु वीणा ६३.अघोर और ६४.भद्रकाली
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