कृष्ण जी के सम्मोहन मंत्र और विधि से संबंधित जानकारी प्राचीन तंत्र और मंत्र विज्ञान में पाई जाती है। ऐसे मंत्रों का उपयोग आध्यात्मिक और सकारात्मक उद्देश्य के लिए करना चाहिए। नीचे एक कृष्ण सम्मोहन मंत्र और उसकी विधि दी गई है:
### **कृष्ण सम्मोहन मंत्र**
```
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लीं वं मम वशं कुरु कुरु स्वाहा॥
```
### **मंत्र जप की विधि**
1. **साफ-सफाई और ध्यान:**
- जप से पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
- किसी शांत और पवित्र स्थान पर बैठें। मंदिर या भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति/चित्र के सामने बैठना बेहतर रहेगा।
2. **आसन का चयन:**
- कुशासन या सफेद वस्त्र का आसन प्रयोग करें।
3. **दीपक और भोग:**
- भगवान कृष्ण के सामने दीपक जलाएं।
- माखन और मिश्री का भोग अर्पित करें।
4. **मंत्र जप:**
- रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला का उपयोग करें।
- इस मंत्र का 108 बार (1 माला) या 11 माला तक जप करें।
- जप के दौरान भगवान कृष्ण का ध्यान करें और उनकी छवि को मन में स्थिर करें।
5. **जप का समय:**
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) सबसे उपयुक्त समय है।
- नियमित रूप से 21 या 40 दिनों तक जप करें।
6. **नियम और संयम:**
- जप के दौरान सात्विक भोजन करें और संयम रखें।
- अपनी इच्छा और उद्देश्य को भगवान के प्रति समर्पित भाव से प्रकट करें।
### **सावधानियाँ:**
- इस मंत्र का उपयोग केवल शुभ और सकारात्मक कार्यों के लिए करें।
- अनावश्यक रूप से किसी के ऊपर प्रभाव डालने की इच्छा से इसका प्रयोग न करें।
- यदि इस प्रकार के मंत्र का दुरुपयोग होता है, तो इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
**ध्यान दें:** तांत्रिक मंत्रों का प्रयोग विशेषज्ञ मार्गदर्शन में करना उचित होता है। आध्यात्मिक साधना और भक्ति ही सच्चे फल का मार्ग है।
No comments:
Post a Comment