आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए गंगाराम अघोरी की साधना लेकर आया हूं यह दो भाई है मनसा राम गंगाराम यह दोनों ही जोड़े में चलते हैं इनकी साधना सिद्धि हमेशा ही गुरु सानिध्य और गुरु कृपा से की जाती है क्योंकि अघोर पद्धति की साधना है यह इस साधना को करने से बच चित्र प्रकार के अनुभव एवं कई प्रकार की शक्तियों से आप लोग अवगत हो जाते हैं यह अघोरी किसी भी प्रेत आत्मा झाड़ा फंडा मसानी मसान दोष को दूर करने की क्षमता रखते हैं यह शमशान से ही जागृत होते हैं इनकी साधना सिद्धि करने से पहले साधना के कुछ नियम होते हैं उन नियमों को आप को समझाना पड़ता है फिर भी आप इनकी साधना से देख कर सकते हो गंगाराम अघोरी की साधना करने से पहले आपको महामाई काली कलकत्ते वाली भैरवनाथ का ध्यान करना सम्मान करना जरूरी है इनकी साधना आपने किसी वीरान जगह पर वह शमशान में ही या शमशान के नजदीक ही करनी है घर पर इनकी साधना का अनुष्ठान नहीं कर सकते हो क्योंकि इनकी साधना में आपको मांस और मुद्रा का प्रयोग करना पड़ता है वहीं प्रयोग पर यह चलेंगे इनका जप करने से पहले आपको काले रंग का आसन काले रंग के ही वस्त्र धारण करने पड़ेंगे आप इनका जाप रुद्राक्ष की माला अथवा काले हकीक की माला दोनों में से किसी भी माला के ऊपर कर सकते हो इनकी
ॐ नमो आदेश गुरु को घोर घोर इन घोर काज़ी की किताब घोर,मुल्ला की बांग घोर रैगड़ को कुंड घोर धोबी को कुंड घोर पीपल का पान घोर देव की दीवाल घोर अपनी घोर बिखरता चल पर की घोर बैठाता चल वज्र के किवाड तोड़ता चाल सार का किवाड़ तोड़ता चाल चल कुन कुन सो बन्द कर करता चल पर को घोर बैठता चल भूत को प्लीत को देव दानव को दुष्ट को मुष्ट को चोट को फेट को मेले को घरेले को उलके को बुल्के को हिड़के भिड़के को ऊपरी को परायी को डंकनी स्यारी को भूचरी को खेचरी को कल्वे को मलबे को ऊन को मथवाय को तिजारी को मथवायी को मंगरा की पीड़ा को पेट की पीड़ा को सास को कास को मरे को मसाण को कुंण कुंण से मसाण कचिया मसाण भुकिया मसाण किटिया मसाण को छिडी चौपट मसाण को नुह्या मसाण को इनको बन्द कर एड़ी की एड़ी बांध करि पीड़ा की पीड़ा बांध जांघ की जाड़ी बांध करि कटया की कड़ी बांध करि पेट की पीड़ा बाँध करि छाती की शूल बांध करि सरि की सीश बांध करि चोटी की चोटी बंध करि नौ नाडी बहत्तर कोठा रोम रोम में घर पिंड में दखल कर देश बंगाला का मनसा राम सेवड़ा आकर मेरा कारज सिद्ध ना करे तो गुरु उस्ताद से लाजै शब्द साँचा पिंड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरी वांचा।
साधना रात्रि 10:00 बजे से शुरू करनी है और 12:00 के समीप तक आपने जब करना है मंत्रों पर दिया गया है कम से कम मंत्र का एक माला तो जरूरी है भोग में आपने उनके नाम का दीपक जलाकर और सामने उसे जला लेने हैं और फिर आपने उन दोस्तों के ऊपर थोड़ा सा सरसों का तेल डालकर अग्नि प्रज्वलित कर लेनी है और उसी में आपने मंत्र जपते जाना है और उसमें आपने मांस का टुकड़ा और दारू का एक ढक्कन डालते जाना है अग्नि प्रज्वलित रहनी चाहिए आनी चाहिए आपको करते जाना है यह साधना आपको सवा महीने तक करनी है और आपको अघोरी सिद्ध हो जाएगा यह साधना ऐसी है अगर गुरु सानिध्य में चलते हो तो पहली बार में ही आपको सफलता मिल जाएगी इनको पाना असंभव नहीं है इनकी साधना करने से पहले तन मन का शुद्ध होना आसन बंधन देवेंदर रक्षा मंत्र यह आपको जरूरी है अगर आप प्रोटेक्शन के बिना साधना करते हो तो आपके ऊपर किसी प्रकार का प्रहार हो सकता है याद रखना साधना निर्जल स्थान पर ही होनी है सामा एक ही रहेगा धोनी एक ही जगह लगनी है और यह साधना 41 दिन ही करनी है 41 में दिन ही स्वयं आकर या वचन देकर जाएंगे अगर आप की भक्ति से यह प्रसन्न हो जाते हैं मंत्र की व्याख्या ऊपर है मंत्र को कंठस्थ करना जरूरी है बिना कंठस्थ किए मंत्र काम नहीं करेगा साधना काल में डरने की जरूरत नहीं है जो भी अनुभव आते हैं आप मेरे युटुब चैनल पर मेरे साथ छोड़कर लाइव चैट में मेरे साथ शेयर कर सकते हैं सनी नाथ के ऊपर लाइव स्ट्रीमिंग में मैं आप अपने अनुभव शेयर कर सकते हो बाकी मेरे तीन और चैनल है बाकी की जानकारी मेरी वेबसाइट पर मिल जाएगी आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।
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