हनुमान जी का ऐसा अस्त्र जिसकी कोई काट नहीं महावीर अस्त्र
सतनमो आदेश गुरुजी को आदेश ॐ गुरुजी ॐ सोहंम धरें आकाश आकाश में पवन पवन में तेज तेज में तोय तोय में तवा तवा में बाला परमहंस रखवाला बाला परमहंस में अलख निरंजन अलख निरंजन की ये काया तो शिव शक्ति दोनों ने नाद बिन्द से रचाया ब्रम्हा विष्णु महेश मिल के उसमें प्राण डाला चाम पड़े तो सती सीता माई लाजै हाड़ गलें तो अंजनी माता लाजै माँस सड़े तो पवन लाजै प्राण ले जाये तो सतगुरु लाजै पड़े नहीं पिण्ड,छूटें नहीं काया राजा रामचन्द्र जी ने महावीरास्त्र चलाया हाँक मार अंजनी पुत्र हनुमान जी आया सात समुन्द्र,सात समुन्द्र बीचऋषिम्युकपर्वत ऋषिम्युक पर्वत पर स्फटिक शिला जिस पर अंजनी पुत्र हनुमान जी बैठा कानों कुण्डल काँधे मुंज जनेऊँ सिर जटा पांव खड़ाऊँ क़मर वज्जर लँगोट हाथ में लोहे की गदा ग्रह कील भूत कील प्रेत कील वैताल कील कंकाल कील आकाश कील सर्वदिशा कील खेचरा कील भुचरा कील जलचरा कील थलचरा कील नभचरा कील डेरू बजती ढांक कील आकाश की कड़कती बिजली कील आती मुठ कील जलती चिता कील मुर्दाकील मरघट कील मढ़ी कील मसाण कील भूमि का भोमिया कील गढ़े धन का रखवाला कील बादिगर का बाद कील दुश्मन का कण्ठ कील
पूर्व कील पश्चिम कील उत्तर कील दक्षिण कील पवन पुत्र बीरबंक नाथ बजरंगबली रामदूत हनुमान जाग तीनलोक चौदह भुवन सप्त पाताल में किलकारी मार तूं हुंकारे तैतीस कोटि देवी देवता काज सँवारे ओढ़ सिन्दूर सती सीता माई का तूं प्रहरी अयोध्यापुरी का महावीर हनुमान बलवन्ता राजा रामचन्द्र जी के दूत हल हलन्ता आओ चढ़ चढन्ता आओ गढ़ किला तोड़न्ता आओ लंका जालन्ता बालन्ता भस्म करन्ता आओ ले लांगुर लँगूर ते लिपिटाये सुमिरिते पटका ओ चन्दी चन्द्रावली भवानी मिल गावें मंगलाचार जीते राजा रामचन्द्र कुंवरजतिलक्ष्मण हनुमान जी तुम आओ आओ जी रामदूत तुम आओ मस्तक सिन्दूर चढ़ाते आओ दांत किट किटाते आओ सोलह सौ योजन समुन्द्र को लाँघते आओ मैनाक पर्वत पर विश्राम करते आओ सिंहिका राक्षसी की खोपड़ी फोड़ते आओ सुरसा माता के मुँह में घुस कर वापिस आओ लंकिनी देवी के मुँह पर मुष्टिका मारते आओ अशोक वाटिका को उजाड़ते आओ अक्षय कुमार को उठाकर पटकते आओ रानी मंदोदरी का सिंहासन हिलाते डुलाते आओ द्रोणाचल पर्वत को उखाड़ते आओ लंकापति रावण को मूर्छित करतें आओ आओ आओ पवन कुमार हनुमान बांये चलें सुग्रीव वीर आगे काल भैरव किलकिलाये पीछे जामवन्त वीर दांये चलें अंगद वीरऊपर अंजनी पुत्र हनुमान जी गाजैदेव दानव राक्षस को फाड़े डाकिनी शाकिनी को मार संहारें श्री नाथजी गुरुजी हमारें सतगुरु
हम सतगुरू के बालक हनुमान जी को साथ ले हम रणभूमि में चलें साथ में लिया न और कोई रणभूमि में पींठ पग कभी न मोड़िये संकट मोचन हनुमान जी करें सो होय पग पग में पदमावती देवी बसें मुल बसे गौरी नन्द गणेश भृकुटी बीच काल भैरव बसे ह्रदय बसें महेश हथेली में हनुमान जी बसें बाजै अनहद तूर यमडंक लागे नहीं काल कण्टक रहें अतिदूर इतना महावीर हनुमान मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया कैलाश गिरी की शिला पर सिद्धांसन बैठ श्री सदाशिव शम्भुजती गुरु गोरक्ष नाथजी ने राजा गोपीचन्द राजा भृतहरि को कान में सुनाया श्री नाथजी गुरुजी को आदेश आदेश आदेश ।।
आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा आप सभी के लिए महावीर का अस्त्र प्रयोग लेकर आया हूं यह एक ऐसा असर है जिसकी काट होना असंभव है इस अस्त्र का प्रयोग आप खोई हुई वस्तु अथवा किसी व्यक्ति के ऊपर भूत प्रेत या कोई ओपरी पराई विद्या लगी हो वहां पर आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो यह महावीर का एक ऐसा अस्त्र है इस स्तर को सिद्ध करने की जरूरत नहीं है इस अस्त्र को आप लोग कंठस्थ कर लो कितने दिनों में आपको यह याद होता है नित्य कर्म की पूजा में इस स्तर को आप एक बार बोल कर अपनी प्रोटेक्शन भी लगा सकते हो यह अस्त्र पूर्ण रूप से पहले से ही सिद्ध है और इस स्तर से आप जनकल्याण किसी के ऊपर से कोई भी चीज हो उसको उतार सकते हो ।
ज्यादा जानकारी के लिए आप मेरे युटुब चैनल सनी नाथ पर जुड़ सकते हैं चैनल को सब्सक्राइब करें और बैल आइकन पर क्लिक कर दें और लाइव चैट में जब भी मैं आता हूं आप मेरे साथ फ्री में अपने अनुभव शेयर कर सकते हो स्वपन में लिखी हुई चीजों के उत्तर पूछ सकते हो वहां पर आपको कोई खर्चा नहीं देना है इसके अलावा यदि आप मेरे साथ पर्सनली मिलना चाहते हो या बातचीत करना चाहते हो तो मेरी बातचीत करने की फीस 1150 है और किसी भी साधना सिद्धि को करने से पहले अरदास अगर आप लगवाना चाहते हो तो 2550 रुपए लगने हैं मेरा व्हाट्सएप नंबर 98915 95270 है ऐसे व्यर्थ में मैसेज मत करना यहां पर ऐसे बातचीत नहीं होनी है फीस एवं भोग आने के बाद ही आप लोगों के साथ बातचीत हो पाएगी अगर आप फ्री में कोई परामर्श लेना चाहते हो तो चैनल को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर क्लिक कर कर रखें जब भी मैं लाइव आता हूं तब आप अपना प्रश्न रख सकते हो और उन प्रश्नों के उत्तर आ सकते हो अन्यथा बार-बार मैसेज बिना पूछे कॉल करने पर आप लोग ब्लॉक हो जाओगे ऐसे यहां पर उत्तर नहीं मिल रहे क्योंकि जो नियम है नियम के आधार पर लाइव चैट में ही सभी चीजों के उत्तर आपको फ्री में मिलेंगे आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा।
महावीर के अस्तर को सिद्ध करने के लिए आपके पास गुरु कृपा गुरु मंत्र होना जरूरी है इस स्तर को सिद्ध करने की जरूरत नहीं है इस स्तर के शब्द पहले से ही कार्य करते हैं फिर भी कोई भक्त महावीर की सिद्धि पढ़ा जाता है तो इस स्तर का 51 बार नित्य कर्म में जब करेगा और महावीर और श्री रामचंद्र जी के आगे आप अपनी समर्था अनुसार कुछ भी भोग चढ़ा सकते हो बिना भोग के यह साधना नहीं चलेगी यानी कि महावीर के गण एवं महावीर की कृपा आपको बिना भूखे नहीं मिलेगी जब भी इस मंत्र से कार्य लेते हैं तो हनुमान जी को चोला और भोग में लड्डू जरूर चढ़ाने है अगर आप यह कार्य नहीं करते हो तो आपको इस चीज का नुकसान भोगना पड़ सकता है महावीर जी का यह अस्त्र का प्रयोग आप किसी तांत्रिक या तांत्रिक की विद्या के ऊपर बंधन अथवा तांत्रिक के द्वारा किए गए तंत्र काट के लिए भी कर सकते हो यह पूर्ण रूप से गुरु सानिध्य गुरु कृपा से करना और गुरु आज्ञा से इस मंत्र को कंठस्थ करना हो सके तो यह मंत्र अपने गुरु के मुख से लेना फिर इसको आपने याद करना है फिर इस मंत्र की शक्ति बढ़ाने के लिए नित्य कर्म में आप इसका जब कर सकते हो साधना अगर आप करना चाहते हो सवा महीने आप इसका जब कर सकते हो हनुमान जी का प्रयोग है इसीलिए ब्रह्मचारी का खासकर ध्यान रखना है नॉर्मल मंत्री याद करने के बाद भी आप प्रयोग करोगे तो भी आप का मंत्र कार्य करेगा लेकिन महावीर जी की सिद्धि प्राप्त करने के लिए सवा महीने तक इस मंत्र को जब लेना और हनुमान जी के ध्यान और हनुमान जी का चोला और हनुमान ज को भोग में लड्डू जरूर लगाते रहना आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा।
यह महावीर अस्त्र एक ऐसा प्रयोग है जिससे आप किसी भी कार्य के ऊपर बंधन लगा सकते हो तांत्रिक की विद्या हो तांत्रिका मुख्य बंधन हो तांत्रिका देवता हो आकाश हो बिजली हो या पानी हो हनुमान जी सब को बांध लेते हैं प्रमाणित प्रयोग है इस प्रयोग को करने से पहले प्रयोग का विधान अथवा गुरु कृपा होना जरूरी है सभी धर्मों का आदर सत्कार मांग करते हुए यह जानकारी यहां पर आप लोगों का ज्ञान बढ़ाने के लिए दी गई है हर एक चीज की पुष्टि इंटरनेट पर बुक्स किताब में नहीं करी जाती है यह सब शास्त्रों एवं योग्य पुरुषों का ज्ञान है आप किसी भी चीज को पूर्ण निष्ठा भाव से करते हो तो कर्म के ऊपर ही यह चीज डिपेंड करती है कि आप उस चीज में सफल हो पाए हो या नहीं अगर आप इस चीज को करने के बाद भी सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे हो तो वह आपके गुरु महाराज अथवा आपकी तो पी के कारण है और देवता की कृपा के ऊपर डिपेंड करता है जरूरी नहीं है कि मंत्र पढ़ने के बाद आप में यह अलौकिक शक्ति पैदा हो जाए और आप सब कुछ कर सकूं कर्म अच्छा तो ज्ञान अच्छा गुरु अच्छा तो ध्यान अच्छा सब कुछ आपके कर्मों के ऊपर भक्ति के फल के ऊपर डिपेंड करता है मैंने सिर्फ जानकारी के लिए ही यहां पर मंत्र और विधि विधान प्रकाशित किया है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्म।
No comments:
Post a Comment