कुंडलिनी शक्ति कैसे जागती है (KUNDALINI SHAKTI )



मानव शरीर अनमोल है, श्री राम आर्टिकल बाय सन्नी नाथ ने स्वयं इस देव दुर्लभ मानुष शरीर की महिमा बखानी है। हमारे शरीर में अंग तो कम ज्यादा हो सकते हैं कर्मों के कारण लेकिन चक्र 7 ही हैं।
मूलाधार से ले कर सहस्त्रार तक इनकी गिनती 7 है।

सबसे ज़्यादा लोक प्रियता में जाना माना चक्र है आज्ञा चक्र, अंग्रेजी में AJNA chakra। यह तीसरे नेत्र का काम करता है जो भूत भविष्य वर्तमान बिना किसी दूसरे के बताए साधक को बता सकता है। आर्टिकल बाय सन्नी नाथ दोनो भोहों के बीच में इसका स्थान है, जहां तिलक धारण किया जाता है।

इसकी जागृति के लिए विशेष रूप से इस चक्र के बीज का जप अनुष्ठान कर सकते हैं पर किसी गुरु के सानिध्य में।  किसी भी वैदिक मंत्र के जाप से भी यह जागृत हो सकता है पर इसके जागृत होने से पहले बाकी 5 भी जागेंगे। आर्टिफल बाय सन्नी नाथ यहां तक पहुंचने के लिए बहुत समय और कठिन परीक्षा देनी होती है।

गुरु के किए शक्ति पाथ से भी आज्ञा चक्र जागृत हो सकता है। आर्टिकल बाय सन्नी नाथ

कुछ विशेष उपाय जिस से आज्ञा चक्र  जागृत होने में सहायता होगी :

1. रोज़ तिलक लगाएं
2. कुछ समय प्राणायाम करें
3. मंत्र जप के लिए गुरु बनाएं
4. तामसिक आहार जैसे प्याज लहसुन गाजर न खाएं
5. कुछ साल की संकल्पित साधना करके ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए ये ऊपर लिखे सब प्रयोग करने से आज्ञा चक्र जागृत होने की संभावना बढ़ जाती है !


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