ख्वाजा बली जी की सवारी लेने का शाबर मंत्र (HAZRAT KHAWAJA BALI KA SIDDH SHABAR MANTRA)

ख्वाजा बली जी की सवारी लेने का शाबर मंत्र :

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए ख्वाजा बली की सवारी लेने वाला सिद्ध शाबर मंत्र लेकर आया इस मंत्र के जाप से हजरत ख्वाजा साहब की चौकी एवं गंदी लगती है यह जाप करने का पूर्व विधान आपको गुरु मुख से लेना पड़ता है जो लोग गुरुमुखी हैं जिन लोगों की दीक्षा हो चुकी है वह इस मंत्र का कलाम का प्रयोग कर सकते हैं यह कलाम पूर्ण रूप से आपको ख्वाजा जी के दर्शन एवं उनकी कृपा करवाने में सक्षम है।

ख्वाजा बली की साधना करने के लिए आपको एक कक्ष की जरूरत पड़ती है सामग्री में आपको स्वयं का आसन और कुर्ता पजामा पहना पड़ता है और सर के ऊपर कपड़ा पहनना पड़ता है ग्रीन कलर की तस्बी अथवा वाइट कलर की तस्वी के ऊपर आप इस कलाम का जाप कर सकते हो यह कलाम आपको 505 बार या फिर 1111 पर जब अपनी है साधना आप संकल्पित होकर करोगे सवा महीने तक हर एक प्रकार के नियम की पालना करनी पड़ती है साधना संपूर्ण होने के बाद आप बाबा जी से बातचीत करके अपने जीवन में जो चीजें घटित होने वाली है अथवा जो चीजें आपको दिखाई नहीं देती है उन चीजों को आप देख सकते हो साधना करने से पहले सवा किलो की देख आपने ख्वाजा साहब जी की दरगाह में देनी है एक चद्दर और दो गुलाब के फूल लोंग इलाइची अपनी समरथा अनुसार और मीठे पान और पांच अगरबत्ती जरूर उनकी दरगाह पर लगानी है जब जब आप साधना करो कोशिश करो आपने लोबान की धूनी देनी है चाहे 5 मिनट के लिए ही आप दो यह साधना गुरुवार से शुरू करनी है सवा महीने तक मंत्र का जाप करना है साधना के दौरान आने वाले अनुभव किसी व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करने हैं आप मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट करके लाइव चैट में मेरे साथ बातचीत भी कर सकते हो वहां पर आपको कुछ समझ नहीं आता है तो सिर्फ लाइव चैट नहीं आप फ्री में क्वेश्चन कर सकते हो मेरे साथ पर्सनली बातचीत करनी है कंसलटिंग फीस 1150 और किसी भी साधना सिद्धि से पहले अरदास के लिए ₹550 का भोग लगता है आप मेरे नंबर पर मैसेज छोड़ सकते हैं अगर आपने अरदास जापा चित करनी है नहीं तो आप लाइव चैट में ही फ्री में मेरे साथ बातचीत कर सकते हो मेरा नंबर 98915 95270 आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा।

“बिस्मिल्ला अल्ला साव की बंदगी नवी साव का नूर।
तसवी खुवाजा खिजर की कुल आलम हाजर हजूर।
चार यार बराबर चले पंजवे पाक रसूल करो मेरा
मकसूद हासिलया गफूर, या गफूर, या गफूर।।



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