दत्तात्रेय आसन गायत्री मंत्र (GURU DATTATRE ASAN MANTRA PARYOG0

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए देवों के देव श्री देव गुरु दत्तात्रेय महाराज की साधना लेकर आया हूं गुरु दत्तात्रेय महाराज को कौन नहीं जानता है ना संपदा के सर्वप्रथम गुरु महाराज रह चुके हैं और दादा गुरु मछंदर नाथ जी के गुरु दत्तात्रेय महाराज अथवा ब्रह्मा विष्णु महेश का स्वरूप सिद्ध योगी बाबा पोनाहारी जी के गुरु गुरु दत्तात्रेय महाराज इनकी साधना सिद्धि गुरु आज्ञा से ही आपने करनी है जानकारी एवं जन कल्याण हेतु मैं मंत्र और यहां पर मंत्र की विधि प्रकाशित कर रहा हूं ज्यादा जानकारी के लिए आप मेरे युटुब चैनल सनी नाथ पर विजिट कर सकते हैं चैनल को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर जरूर क्लिक करें लाइव चैट में मेरे साथ आप अपने सपनों के अर्थ एवं साधना सिद्धि में आ रही दिक्कतों के बारे में पूछ सकते हैं गुरुओं के सानिध्य में ही सिद्धियां होती हैं भगवान दत्तात्रेय महाराज में प्रचंड शक्ति है यह संसार का कोई भी काम करने की समृद्ध रखते हैं नवनाथ ओके गुरु चौरासी सिद्धों के गुरु होने की पदवी मिली है गुरु दत्तात्रेय महाराज को गुरु दत्तात्रेय महाराज के नीचे दिए गए मंत्र का आपने नित्य कर्म में अपनी श्रद्धा अनुसार जब करना होता है अगर कोई गुरु दीक्षित चेला है तो वह नीचे दिए गए विधान के अनुसार और नियमों की पालना करते हुए इस मंत्र को सिद्ध करेगा इस मंत्र के सिद्ध होने के बाद जगत का कोई भी काम एक बार मंत्र पढ़ने से किसी के सर पर हाथ रखने से अथवा जल के ऊपर मोर पंख से झाड़ा या किसी भी अन्य प्रकार से आप झाड़ा लगा कर किसी भी व्यक्ति के ऊपर से किसी भी चीज चाहे वह दैविक शक्ति है या फिर वह प्रेत बाधा है उसको आप पलभर में ही साइड पर कर सकती हो यह एक अनुभव और गुरुमुखी प्रयोग है यह नाथों की वाणी एवं नाथों के ग्रंथों में लिखित और नाथों की सिद्धि है आदेश आदेश सनी नाथ शर्मा जय गुरु गोरखनाथ


आसन ब्रह्मा, आसन विष्णु, आसन इन्द्र, आसन बैठे गुरु गोविन्द  आसन बैठो, धरो ध्यान, स्वामी कथनो ब्रह्म-ज्ञान  अजर आसन, वज्र किवाड़, वज्र वज़ड़े दशम द्वार  जो घाले वज्र घाव, उलट वज्र वाहि को खाव  हृदय मेरे हर बसे, जिसमें देव अनन्त  चौकी हनुमन्त वीर की  हनुमन्त वीर, पाँव जञ्जीर लोहे की कोठी, वज्र का ताला  हमारे घट-पिण्ड का गुरु देवदत्त आप रखवाला पाय कोस अगुम कीले, पाय कोस पश्चिम कीले  पाय कोस उत्तर कीलूँ, पाय कोस दक्षिण कीलूँ  तिल कीलूँ, तिल-बाड़ी कीलूँ  अस्सी कोस की सारी विद्या कीलूँ  नाचे भूत, तड़तड़ावे मसान  मेरा कील या करे उत्कील, वाको मारे हनुमन्त वीर  मेरा कील या करे उत्कील, ढाई पिण्ड भीतर मरे  मेरा दिया बाँध टूटे, हनुमान की हाँक टूटे  रामचन्द्र का धनुष टूटे  सीता का सत टूटे  लक्ष्मण की कार छूटे गंगा का नीर फूटे  ब्रह्मा का वाक टूटे  गऊ, गायत्री, ईश्वर-रक्षक  या पै ना मूल लगावे, ना लार  रक्षा करे गुरु दातार  १ खिन्न दाहिने, खिन्न बाएँ  खिन्न आगे, खिन्न पीछे होवे गुरु गोसाईं सिमरते काया भंग ना होवे २ काल ना ढूके, बाघ ना खावे  ३ अनुक नाम सिर पर ना घाले घाव  ४ हमारे सिर पर अलख गुरु का पाँव  ५ रुखा बरखा, बीन हमारी, माल हमारा कूड़ा  जात हमारी सबसे ऊँची, शब्द गुरु का पूरा  ६ चारों खानी, चार वाणी, चन्द्र-सूरज-पवन पाणी  धूनी ले आया बाल गोपाल  सब सन्तन मिल चेतावनी बारह जागे, गढ़े निशान  हमारे सिर पर काल-जाल, जम-दूत का लगे ना दाँव  ७ वज्र-कासौटी बाहर-भीतर, वन में वासा अचिन्त साँप, गौहरा आवे न पास  ८ सख्त धरती, मुक्त आकाश  घट-पिण्ड-प्राण, गुरुजी के पास  ९ रात रखे चन्द्रमा, दिन रखे सूरज, सदा रखे धरतरी  काल-कण्टक सब दूर रखे  १० उगम पश्चिम कीलूँ, उगमी उत्तर-दक्षिण कीलूँ, अमुक नाम चले गोदावरी  लख अवधूत साथ  बाँधूँ चोर, सर्प और नाहर के सारे डार  रक्षा करें गुरु दातार  ११ जो जाने आसन-गायत्री का भेद  आपे कर्त्ता, आपे देव १२ इतना आसन-गायत्री-जाप सम्पूर्ण भया  १३ सर्व-सिद्धों में दत्तात्रेय जी कहा अलख, अलख, अलख ।

इस मंत्र को किसी भी गुरुवार से शुरू कर सकते हो इस मंत्र को कंठस्थ करके इस मंत्र का सवा महीने तक एक माला नित्य जाप करना है और नित्य ही 11 होती हवन की देनी है केसर कस्तूरी कपूर देसी शक्कर गाय का घी गूगल धूप तथा चंदन चुरा इसको आपने मिला लेना है जहां पर एक से 24 की संख्या दी गई है वहां पर सभा बोलकर आपने होती देनी है कोशिश करें कि कम से कम 300 से साडे 300 होती आपने जरूर देनी है अब किसी पीड़ित व्यक्ति के ऊपर आपने इस मंत्र का प्रयोग करके 11 होती उसके नाम की आपने उसके हाथ से धोनी ने डलवानी है फिर देखो गुरु दत्तात्रेय महाराज का चमत्कार भूत हो प्रेत हो दैविक शक्ति हो जिन लोगों की सवारियां नहीं खुलती है उन लोगों की सवारी अभी खुल जाएंगे और वह लोग भी जनकल्याण करने लग जाएंगे किसी की नजर नहीं खुलती है तो भी इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं इस मंत्र के प्रयोग से बचित्त्र अनुभव आएंगे और इस मंत्र के प्रयोग के बाद आपको 33 कोटि देवी देवताओं के दर्शन हो जाएंगे नवनाथ 84 सिद्धों के दर्शन एवं कृपा प्राप्ति होगी गुरुओं का आशीर्वाद होगा मां सरस्वती का आभास होगा कंठ पर शब्द चलेगा भौतिक विज्ञान  पैदा होगा ध्यान जो लोग करते हैं उन लोगों का ध्यान लगेगा यह एक पूर्ण रूप से गुरु का मंत्र है आसन के ऊपर बैठकर ही इस मंत्र का जप करना चलते-फिरते नहाते धोते उठते बैठते इस मंत्र का प्रयोग नहीं करना है अगर ऐसा आप करते हो तो पाप के भागीदार आप हो गुरु दत्तात्रेय महाराज का जाप अगर आप बढ़ाकर करना चाहते हो तो रुद्राक्ष की माला के ऊपर आपने करना है एक चौकी के ऊपर उनकी फोटो रख लेनी है बुक में आप उनको कोई भी खाने की वस्तु दे सकते हो और घर का खाना भी लगा सकते हो या उसके अलावा कोई भी मिठाई दे सकते हो गुरु दत्तात्रेय महाराज सब कुछ सब काम करते हैं उनके नाम का भी धुना लगाया जाता है लेकिन धोने की विद्या गुरु सानिध्य में ही समझी जाती है कोई भी दो ना तब तक चेतन नहीं कर सकते जब तक आपके ऊपर गुरु कृपा और आप किसी पद से दिखित नहीं हो और आपको गुरु ज्ञान नहीं है मंत्र का उच्चारण मंत्र की विधि करने से पहले आप मेरे साथ भी इंसल्ट कर सकते हो या मेरे यूट्यूब पर आप देख सकते हो वहां पर डिटेल में समझाया गया इस पोस्ट को अच्छे से समझे मंत्र को नोट कर के रख सकते हो जब अच्छा ग्रुप मिलता है तो आप उनसे आ गया लेकिन मंत्रों का प्रयोग कर सकते हो कलयुग में यही मंत्र है जो आपको किसी भी व्यक्ति का सामना करने के लिए शक्ति देते हैं एवं आपकी मन की इच्छाओं को पूर्ण करते हैं आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा 33 कोटि देवी देवताओं को मनाने की क्षमता रखता है यह गुरु दत्तात्रेय महाराज का सिद्ध शाबर मंत्र उसके इलाहाबाद नवनाथ और नव ग्रहों को शांत कर देता है यह सिद्ध शाबर मंत्र इस मंत्र का प्रयोग अपने गुरु मंत्र एवं गणेश पूजन के बाद आसन के ऊपर बैठकर ही करना है गुरु की आज्ञा से मंत्र का उच्चारण सही होना चाहिए मंत्र को सर्वप्रथम कंठस्थ जरूर कर लेना है सवा महीने साधना सिद्धि के हर एक नियम की पालना करते हुए इस मंत्र का प्रयोग करना है जन कल्याण हेतु मंत्र यहां पर प्रकाशित किया जा रहा है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ अलख निरंजन ।







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