देव चौकी कैसे आती है कब आती है किस पर आती है
बहुत से लोगो के मन के अंदर कई प्रश्न लेकिन सच्च मैं बोलो तो देव चौकी हर किसी पर नहीं आती है देव चौकी से पहले देव की गण आते है फिर उसके बाद मैं जिस देव की आप पूजा करते हो उनके शिष्ये आते है फिर लास्ट मैं उस देव की चौकी आती है जिसको आप पूजते है ! इतना आसान नहीं है सब के ऊपर नहीं आते है देवता यह सच्ची बात है ! देवता अपना चेला और गद्दी के मालिक के खुद चुनते है ऐसे हर किसी के ऊपर चौकी नहीं पढ़ती है कही लोग भर्मित है ! लेकिन गण की चौकी ही आती है और किसी केर ऊपर भूत प्रेत की चौकी आती है खुद को देवता बोते है ! इसलिये हम बोते है गुरु बिना गति है जो कुछ है गुरु के चरणों मैं होता है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ !
बाकि की जानकारी के लिए आप मेरे यूट्यूब चैनल पर विशित कर कर हो(SUNNY NATH ) इस नाम से ही है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ !
गुरु गोरखनाथ जी का आसान मंत्र सनी नाथ
ॐ गुरु गुरु जी आसान विशियो मृगछाल
ऊपर बैठे गुरु गोरखनाथ जप जापे शिव
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आसान बैठे फेरु माला गुण देखे चारो बार
९ नाथ ८४ बैठे आसान करे पूजा जिनकी
पूरा संसार,३३ कोटि देवता आन विराज्ये
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मिले उसको कही वरदान,ब्रम्हा विष्णु महेश योग बनाया जिसको गुरु गोरखनाथ ने आसान
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सिद्धि योगी ने सिद्ध आसान लगाया जपो तपो
आसान गुरु नाम बोलो गुरु गोरखनाथ तेरी सदा
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इच्छा गोरख पुगाये आदेश-३( सनी नाथ )
माला ऐसे नहीं फेरी जाती है गुरु के नाम का आसान लगाना पड़ता है अगर आपके पास आपका आसान नहीं सिद्ध नहीं है तो आपका ध्यान कहा से लगेंगे सब कुछ मोह माया है दुनिया मैं शब्द ही सच्चा है ! गुरु बाणी गुरु नाम जपने का आदेश देती है मंत्र मैं शक्ति नहीं होती है जब तक उसको सांसो पर नहीं चढ़ाया जाता है ! मेरे मंत्र कभी नेट से उठा कर मत करना क्युकी मंत्र मैं नेट पर पुरे दिए नहीं यह गुरु ज्ञान है नेट पर नहीं दिया जाता है ऐसा ज्ञान अलख आदेश जय गुरु गोरखनथ सनी नाथ!
देवता की सवारी किसी व्यक्ति के ऊपर गुरु के सानिध्य में ही आती है जिन लोगों ने गुरुधाम कर रखे हैं उनके ऊपर देवता की सवारी गुरु के द्वारा ही दी जाती है सवारी में देवता से पहले देवता के गण हो देवता के साथ जो जोड़े में चीजें चलती हैं जो शक्तियां चलती हैं वह शक्तियां पहले गद्दी पर हाजिर होती हैं जैसे गिनती एक से स्टार्ट होती है वैसे ही शक्तियां जो है वह नीचे से ऊपर की ओर जाती है बाकी आप सभी के ऊपर आपके गुरु महाराज के आदेश और गुरु कृपा के ऊपर ही निर्धारित करता है कि आपके ऊपर किस देवता की या किस देवता के गण की सवारी पहले आएगी सर्वप्रथम पितर महाराज घर के सेवादार उसके बाद आपके ऊपर आपके कुलदेवता और फिर आप की कुलदेवी हाजिर होती है क्योंकि हर एक व्यक्ति के कुलदेवता कुलदेवी अपने हिसाब से आते हैं उसके बाद मैं आपको बताना चाहता हूं इस देवता आपकी भक्ति और कर्म के हिसाब से होता है और वह आप की भक्ति पूर्व निर्धारित करता है जिस देवता को सबसे ज्यादा आप लोग पूछते हो ज्यादातर देवता के आने से पहले आसन की शुद्धि और आसन का पूर्ण रूप से प्रयोग भक्तों को पता होना चाहिए क्योंकि देवता आकर्षण के ऊपर ही विराजमान होता है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।
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