पितरों की शांति और पितर देवताओं की सवारी लेने के लिए एक दिन की नित्य क्रिया रूठे पिता आएंगे आप के सर पर

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए पितरों की साधना लेकर आया हूं जिन लोगों के पिता रोस्ट हैं जिन लोगों को पितरों के दर्शन नहीं होते हैं जो लोग पितरों के सर पर सवारी लेना चाहते हैं उन लोगों के लिए यह साधना लाभदायक सिद्ध होगी यह साधना करने से जिन लोगों के ऊपर कर्जा रहता है ऋण मुक्ति भी होगी पितर देवता आपके खानदान में आपके कुल में अतृप्त आत्माएं होती हैं जो सद्गति को प्राप्त नहीं होती है श्राद्ध के रूप में आप अपने मित्रों को याद करते हैं तो उसके लिए ही मैं यह साधना दे रहा हूं ज्यादा जानकारी के लिए मेरे युटुब चैनल पर विजिट करें सनी नाथ के नाम से चैनल है चैनल को सब्सक्राइब बैल आइकन पर क्लिक जरूर करें और लाइव चैट में मेरे साथ फ्री बात कर सकते हो बाकी सारी सर्विस मेरी पेड़ है फोन पर बात करनी है अरदास लगवानी है उसका क्या चार्ज है वेबसाइट पर सब कुछ मेंशन है मेरा व्हाट्सएप नंबर भी यहीं पर है मैसेज तभी करें जब पेड़ सर्विस लेनी है अन्यथा लाइट चैट तक ही सीमित रहें आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।

यह प्रयोग 2 दिन करना है

सामग्री आपको एक चांदी का चंद्रमा बनवा लेना है आप चांदी का भी बनवा सकते हो सोने का भी बना सकते हो अथवा आप अष्ट धातु या पांच धातु का भी बना सकते हो यह किसी भी सुनार की दुकान से अथवा आप किसी पंसारी की दुकान से भी खरीद सकते हैं या ऑनलाइन ऑर्डर भी कर सकते हैं यह आपको मिल जाएगा । अगर आप सुनार से लॉकेट बनाते हो तो आपने नीचे दिए गए मंत्र का उल्लेख आना उसके ऊपर कर देना है नहीं तो आप किसी भोजपत्र के ऊपर भी यह मंत्र लिखकर उसको किसी चांदी के लॉकेट में धारण कर सकते हो यह आप लोगों के ऊपर डिपेंड करता है कि आपने कैसे इस क्रिया को करना है क्रिया करने से पहले मेरे धोने पर अरदास जरूर लगवा लेना और एक बार समझ लेना यह किरिया कोई भी कर सकता है इसकी रिया को बार बार किया जा सकता है इससे नाराज पित्र रुष्ट  आपके ऊपर आते हैं सवारी भी आती हैं और आपको पितरों का एहसास होना शुरू हो जाता है ।

सर्व पित्र देव प्रसन्न भव

आपने एक सफेद कलर का कुर्ता पजामा सिलवा लेना है और आपने एक सफेद रुमाल भी ले लेना है सवा मीटर का कपड़ा भी एक्स्ट्रा लेकर रख लेना है इसके अलावा आपको कुछ सामग्री की जरूरत पड़ती है चंदन सफेद पुष्प चंदन जो है लेना है वह सफेद ही होना चाहिए खाद्य सामग्री जिसमें दूध खीर दाल रोटी हलवा इसके अलावा शुद्ध घी तेल का दीपक सफेद धागा जिसको जनेऊ बोला जाता है और गुड़ यह सामग्री पितरों के तर्पण के लिए बोल सकते हैं पितरो को मनाने के लिए बोल सकते हैं इनकी जरूरत पड़ती है ।

यह किरिया आप श्राद्ध वाले दिन भी कर सकते हैं अथवा आप शनिवार की सुबह 4:00 बजे से 11:00 के बीच में ही करनी है स्नानादि करके वाइट ही वस्त्र की धोती अथवा कुर्ता पजामा पहन सकते हैं और आसन जब आपने लगाना है एक स्टील की प्लेट के बीच में क्ष भीज लिख लेना है इसके ऊपर आपको स्पेल पुष्प रख देना उसके ऊपर आपने जो ऊपर चंद्रमा या कोई चीज बनवाई है वह आपने रख देनी है अब इसकी पूजा आपने अपनी श्रद्धा भावना के अनुसार करनी है ।

अब नीचे दिए गए मंत्रों का प्रयोग करते जैसे बताया जाएगा वैसे उस सामग्री का साधना में प्रयोग करते जाना है  

ॐ प्री सर्व पित्र प्रतिष्टो भव प्रस्नो भव कहते हुए चावल और फिर दूध में थोड़ा सा पानी मिलाकर आपने यंत्र बनाया है जो उस यंत्र को स्नान करवा देना है इस मंत्र को बोलते हो ।
ॐ प्री सर्व मित्र प्रसन्न स्नान समर्पयामि फिर सफेद चंदन का तिलक करें अब आपने बोलना है ॐ प्री सर्व मित्र प्रश्नों भव गंधम समर्पयामी फिर धूप देनी फिर आपको बोला है ॐ प्री सर्व उत्तर प्रसनो भव धूप समर्पयामि फिर तेल का दीपक जला देना दिए का मुख पूर्व दिशा की ओर रखना है और आपने भी पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही बैठना है उसके बाद में आपने उच्चारण करना है ॐ प्री सर्व पितर प्रसनो भावदीप समर्पयामि फिर आपको थोड़ा सा गुड का भोग लगाना है ॐ प्री पितर प्रसनो नैवेद्य समर्पयामि अब थोड़ा सा जिला चढ़ाकर आज मंडी देना है एक गोबर का उपला उसका अंधियारी बनाकर उसे किसी पात्र में रख लेना जैसी व्यवस्था हो वैसे आपने रख लेना अब आपने पितरों को उपस्थित करने की प्रार्थना करनी है उसमें थोड़ा सा भी डाल देना है और गुड़ डाल देना है जो आपने यंत्र बनाया है उसे यंत्र को उसके ऊपर से कमाना और एक अरदास करनी है 

हे मेरे पितर महाराज मेरे कुल के सेवादारों मैं आपके नाम का भोजन और वस्त्र दे रहा हूं आप मेरे द्वारा दिए गए दिल फुल दान कर्म को स्वीकार करें और आपने जो यंत्र बनाया अब उसको गले में धारण कर लेना है धारण करते ही अब जो आपने वस्त्र आपके नाम के बनवाए हैं वह वस्त्र उसी उपले इस पर घोटाला है उसी में ही आपको ऊपर से घुमा लेने हैं और आपको एक मंत्र का उच्चारण करना है ॐ प्री सर्व मित्र प्रसनो भव् वस्त्र समर्पयामि यह मंत्र बोलते ही वह बस्तर आपको स्वयं को धारण कर लेने हैं फिर भोजन की थाली में उतना ही भोजन ले जितना आप खा सकते हो पहले उपले पर घी गुड़ डालें फिर भोजन से थोड़ा-थड़ा व्यंजनों को आपने उपले के ऊपर डाल देना है और थाली को उस भोजन को उस उपले के ऊपर से 7 बार घुमाना है और आपने एक मंत्र का उच्चारण करना है कि आपने यह भोग सरकार करना है मन ही मन अरदास करनी है कि आप सब कार्य करो ॐ प्री पितर प्रसनो भोजन समर्पयामि यह बोलते हुए अपने पितरों को कहना है मेरे द्वारा दिए गए भोजन को स्वीकार करें और हल्का सा पानी का छटा आपने दे देना है फिर वस्त्र पहनकर रुमाल सिर पर आपने बांध लेना है इतनी किया करने से 110 परसेंट मेरा दावा है जिन लोगों के ऊपर पितरों की सवारी नहीं आती है सेवादार नहीं खुलते हैं उन लोगों के ऊपर सवारी और पितरों के हाजिर होने की शक्ति आ जाएगी यह किरिया करने के बाद किसी के घर का भोजन नहीं खाना है किसी के घर में जाना नहीं है वह सारा दिन ही आपको पितर महसूस होंगे आपका शरीर काम पर गा वाइब्रेशन जाएंगे यह मेरा आजमाइश प्रयोग है टेस्टेड चीज है ।




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