आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आया हूं यह जानकारी उन भक्तों के लिए है जो किसी ना किसी मंत्र का जाप करते हैं और जब के दौरान उनका शरीर हिलता डोलता है यह स्वभाविक रुप में उन भक्तों के साथ होता है जिनके ऊपर देवताओं की कृपा हो चुकी होती है साधना काल में आप के प्रकार के मंत्रों का जप करते हो मंत्रों के जप के बाद देवताओं का आशीर्वाद स्वरुप आपको कुछ चीजें मिलती हैं उनमें से एक यही सिद्धि होती है निन्यानवे परसेंट जब किसी भगत की सवारी खुल नहीं होती है तब ही उसको यह अनुभव आता है तो शरीर खिलने का मतलब आपके ऊपर सवारी चौकी पढ़ना होता है ज्यादा जानकारी के लिए मेरे युटुब चैनल सनी नाथ पर विजिट करके देख सकते हो चैनल को सब्सक्राइब करके लाइव चैट में मेरे साथ जुड़कर आप फ्री में बात कर सकते हो पर्सनली बातचीत करनी है कंसलटिंग फीस मेरी 1150 है और उसका 2550 रहता है व्हाट्सएप नंबर 9891595270 आदेश आदेश ।
साधना काल मैं शरीर का हिलना इसका क्या संकेत है ।बोहोत से साधकों का यह सवाल रहता है की जब हम साधना मैं बैठते हैं तो कभी हमारा हाथ हिलता है कभी पैर कभी कंधा तो कभी टांगे तोह इसका क्या अर्थ है शरीर के अंग खुद ही हिलते हैं जब हम मंत्र जाप करते है तोह इसके दौरान हम ध्यान मैं चले जाते हैं और जिन लोगो की एकाग्रता बोहोत होती है और ऐसे व्यक्ति अपने ध्यान मैं मंत्र जाप के दौरान उनकी आत्मा और चेतना परमात्मा के चरणों मैं जाकर लीन हो जाती है और ब्रह्मांड की ऊर्जा आपके अंदर समाने लगती है ।जिस भी शरीर के अंग मैं एनर्जी ज्यादा होती है वह अंग हिलने लगता है और उसमे वाइब्रेशन होती है।अपके शरीर का कोई भी अंग hil सकता है।हो सकता है आप जिस भी देवी या देवता की सेवा करते हो उनकी सवारी चौकी भी आप पर पड़ सकती है।जब आप मंत्र जाप करते हो और आपकी विचार धारा शून्य हो जाती है और आपको झटके लगते हैं। यदि आप किसी योग्य गुरु के सानिध्य मैं है तो वह आपके इन अनुभवों का सही विश्लेषण कर सकते हैं।

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