साधना मैं आसन बांधना क्यों है जरुरी? क्या होता है आसन मंत्र?गुरु गोरखनाथ जी का सिद्ध आसन मंत्र ।

साधना मैं आसन बांधना क्यों है जरुरी? क्या होता है आसन मंत्र?गुरु गोरखनाथ जी का सिद्ध आसन मंत्र ।प्रत्येक साधना से पहले बांधे अपना आसन। यदि आप अपना आसान नहीं बांधते तो साधना काल मैं आपके साथ क्या क्या घटित हो सकता है।साधना मैं आसन बांधने का मतलब होता है की जो आपके अंदर की नेगेटिविटी है उसको निकालते हैं यदि आपके मन मैं गलत विचार आते है, संभोग के चित्र आते हैं,या किसी भी कारण वश आपका मन नही लगता जाप मैं तो यह आसन मंत्र आपको स्थिर रखने मैं और देवता द्वारा ली गई परीक्षा पार कराने मैं आपकी मदद करता है। 

इस मंत्र को सिद्ध करना बोहोत ही आसान है ।आप किसी भी ग्रहण काल मैं इस मंत्र की 11माला करके इसको सिद्ध कर सकते हैं। जब भी आप इस मंत्र को चलाना चाहते हो बस इस मंत्र का आसन पर बैठकर एक माला जप करो आपका ध्यान भी लगेगा परमात्मा के दर्शन भी होने चालू हो जायेंगे और आपका आसन भी आपके नाम से सिद्ध हो जायेगा ।जब आसन सिद्ध होता है तो जिस शक्ति की आप पूजा करते हैं वह आपके अंदर विराजमान होती है।

मंत्र इस प्रकार से हैं

ॐ नमो आदेश गुरुजी को मन मारू
 ,मैदा करू , करू चकनाचूर, पांच  
महेश्वर आज्ञा करे तो बैठू आसन पूर,
श्री नाथ जी गुरु जी को आदेश आदेश अलख निरंजन।



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