नज़र कैसे खुलती है।दिव्यदृष्टि खोलनी है तो जपो यह मंत्र फिर देखो मंत्र का कमाल।गुरु सानिध्य मैं ही करोगे तो इसकी सफलता और फल कई गुणा बढ़ जायेगा।

नज़र कैसे खुलती है।दिव्यदृष्टि खोलनी है तो जपो यह मंत्र फिर देखो मंत्र का कमाल।गुरु सानिध्य मैं ही करोगे तो इसकी सफलता और फल कई गुणा बढ़ जायेगा। 

यदि आप विधि के अनुसार चलते हो और नियमों का पालन करते हो तो शत प्रतिशत आपको इसका फल मिलता है।जिन लोगो को स्वप्न आने लगते है मंत्र जाप करने से नई चीज़ें दिखती हैं अथवा होने वाली चीजों का ज्ञात हो जाता है तो यह देवता की तरफ से आपको संकेत है।नज़र आपकी खुल चुकी है।जो आपको सोते हुए दिखता है वोही आपको इस मंत्र के जाप से जागृत अवस्था मैं दिखेगा ।
दिव्यदृष्टी खोलने के कई तरीके होते हैं जैसे :
*ध्यान लगाना
*त्राटक के माध्यम से
*यदि आपके पास गुरुमंत्र है तो उसके जाप से भी दिव्यदृष्टि खुलती है।
दिव्यदृष्टि का खुलना आपकी सामर्थ के ऊपर शरीर की बनावट के ऊपर और आपके जप और तप के ऊपर आपके मनोबल के ऊपर और आपके ऊपर कितनी गुरु की कृपा है उसपर भी निर्भर करता है।
आपको इस मंत्र का 41दिन क्यू अनुष्ठान बिठाना है।
नियम और विधि इस प्रकार है:

ब्रह्म महुरत मैं सुबह ५ बजे आपको आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से आपको ९०मिनिट तक जप करना है।
आसान लाल रंग का होना चाहिए।
वस्त्र आपको सफेद अथवा लाल अथवा भगवी धोती पहन्नी है ।
स्त्रियों को लाल साड़ी अथवा लाल सूट  का प्रयोग करना है।काले रंग का कोई प्रयोग नहीं करना नही तो आपकी साधना निष्फल हो जाएगी। 
आपको पूर्ण दिशा की और मुख करके बैठना है ।
आपको रुई की दो गोलियां बनाकर उसको इत्तर से छिड़ककर कानों मैं डालनी हैं।

यह एक गुप्त विधि है इसका विवरण किसी किताब मैं नही है। इस मंत्र से आपको भविष्य मैं होने वाली कई घटनाओं का आभास पहले ही हो जायेगा ।आपको जप के दौरान दोनों नेत्र बंद रखने है। आपको इस जप के दौरान कोई भी विचार आए या दर लगे तो आपको आंखे नही खोलनी है। साधक अपने दाहिने तरफ देसी घी अथवा सरसों के तेल का दिया जलाएगा ।

आपको 41दिन एक ही समय रखना है।एक ही स्थान पर बैठना है।24घंटे मैं एक ही बार आपको विधि से जप करना है भ्रम महुरत मैं।भोग मैं आपको कोई भी मीठा फल देना है आप केला या अनार का भोग दे सकते हो।आपको 41दिन धूनी देनी है।यह साधना आपको गुरु सानिध्य मैं ही करनी है।मेरे धुने पर अरदास लगाए बिना कोई साधना नही करनी।

मेरे से बात करने की फीस 1150rs
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अरदास की फीस .2150

मंत्र इस प्रकार है: ॐ ऐं ह्री हरीम कलीम चामुंडाए विचये।

कोई भी साधना सिद्धि करने से पहले गुरु आ गया गुरु कृपा जरूरी है निवारण मंत्र का जप करने से पहले गुरु से आज्ञ और मंत्र जाप की विधि और नियमों को अच्छे से समझ ले भूतकाल भविष्य काल वर्तमान देखने के लिए और अपनी सवारियां खोलने के लिए आपको गुरु आदेश और धोने पर अरदास लगाकर ही चलना पड़ता है आदेश आदेश श्री नाथ शर्मा
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