भोलेनाथ महाराज जी का मुंद्रा ऐसा प्रयोग जिस की कोई काट नहीं BHOLENATH MAHARAJ JI KA MUNDRA PARYOG JISKI KOI KAT NAHI(TOD NAHI )

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ आप सभी के समक्ष में भोलेनाथ का मुद्रा लेकर हाजिर हो आप इस मुंद्रा का प्रयोग आप गुरु सानिध्य में गुरु कृपा से ही कर सकते हो जन हेतु जन कल्याण के लिए मैं यहां पर मंत्र प्रकाशित करता हूं यह सारा ज्ञान मेरा स्वयं का है जितना ज्ञान मुझे मेरे कुल के देवताओं से मेरे घर के जो नाथ हुए हैं सिद्ध हुए हैं उनसे मिला है सभी धर्मों का आदर सत्कारमान करते हुए और व्यक्तिगत दायरे को ध्यान में रखते हुए मेरा काम सिर्फ आप लोगों को जानकारी देना है बिना गुरु के अगर आप इन मंत्रों का प्रयोग करते हो या मेरी इजाजत के बिना इन मंत्रों का प्रयोग करते हो तो जोखिम देश का आपा रहता है क्योंकि यह मंत्र ना तो आपको किसी किताब में मिलेंगे ना ही आपको इंटरनेट पर मिलेंगे यह स्वयं मेरे कुल में और स्वयं गुरुओं के मुख से मिले हुए मंत्र है प्रचंड शक्ति है प्रचंड इनके प्रयोग है ।

कैसे प्रयोग में लाते हैं इस मुद्दे को भोलेनाथ का यह मुद्रा दुनिया के किसी भी तंत्र की काट तांत्रिक विद्या से बढ़ेगी विद्या को काट देता है इसमें चाहे तामसिक हो चाहे दैविक शक्ति हो भोलेनाथ के आगे कुछ नहीं चलती है क्योंकि जगत गुरु जगत पिता है यह मंत्र शाबरी विद्या है गुरु गोरखनाथ महाराज ने स्वयं इन मंत्रों का पूर्ण प्रयोग करके नाथ संप्रदाय में नवनाथ 84 सिद्ध और 1400 लो की जमात को यह मंत्र थर्माए है इन मंत्रों का प्रयोग गुरु आज्ञा से पूर्ण विधि के साथ किया जाता है ज्यादा जानकारी के लिए आप मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट कर सकते हो वहां पर आपने इस मंत्र का प्रयोग कैसे करना है और मंत्र की विधि क्या है और मंत्र का भोग प्रसाद अरदास लगाकर ही इस मंत्र का प्रयोग करना है दीक्षा लेकर भी आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हो ।

प्रयोग से पहले रुद्राक्ष की माला स्वयं का आसन आपने अपने साथ रखने का होना अनिवार्य है । गणेश वंदना गुरु वंदना के बाद आपने शिवलिंग की सेवा करनी है नाथ संप्रदाय की विधि और गुरु की विधि के अनुसार इस मेरे को सिद्ध करने में आपको 41 दिन लगते हैं आपने जाप करना है करने से पहले भोलेनाथ के नाम का त्रिशूल आप को धुने मैं लगाना  पड़ेगा गुरु गोरखनाथ महाराज के नाम का आपको चिमटा भी धुने मैं लगाना पड़ेगा यह करने के बाद आपको नीचे दिए गए मंत्र की पूर्ण विधि की दीक्षा लेने के बाद मंत्र का प्रयोग करना है।

शिव जी का मुंद्रा सिद्ध शाबर मंत्र प्रयोग 

सतनमो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 
ॐ गुरु जी शिव जी का भाना शिव जी का
मुंद्रा खीच के काला उठा सब ला बला
तांत्रिक की सवेडे की गुरु की गद्दी की
***************************** 
तामसिक की सात्विक की चेले की चले 
ना बार तोड़ो मोड़ो खोलो सारे बन्धन और
********************************
दरबार भैरो करो चाकरी दिन रात अलख
निरंजन आदेश आदेश ।








No comments:

Post a Comment