Khwaja peer ki hazriyan kaise Di jaati Hain ख्वाजा पीर किया कचिया पकियां हजरिया कैसे दी जाती है

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ आज मैं आपके समक्ष एक बार फिर से हजरत ख्वाजा साहब की कच्ची पकी हजरिया कैसे दी जाती हैं वह लेकर हाजिर वहां हो यह आज नहीं आ किस प्रकार से दी जाती है इन हाजियों को देने से पहले कौन-कौन सी सामग्री और कौन सा कलाम पढ़कर आप उतारा लगा दे दे सकते हो हजरत ख्वाजा साहब की हाजिरी देने से पहले मैं आपको बताना चाहता हूं तंत्र काट के लिए होती है दोष निवारण के लिए होती है अरदास के लिए होती है अन्यथा देवता के आदेश के ऊपर अगर उन्होंने मांगी है तो आप यह हाजिरी उनको देते हो ।

तीन प्रकार की हाजिरी या होती है

कच्ची हाजरिया
पकिया हाजरियां
उतारे की हाजरियां 

कच्ची हजरिया वह होती हैं जब आप हजरत ख्वाजा साहब की साधना में बैठते हो गुरु आदेश से जब आप उनका आवाहन करते हो तब आपको सबसे पहले यह हाजिरी देनी पड़ती है इसको कच्ची हाजरी बोला जाता है जिसमें आप दलिया बताशे और देसी घी का मिक्सचर करके दरिया नदी बहते पानी में छोड़ते हो।

पक्की हजरिया वह होती है जिनके पास हजरत ख्वाजा साहब की सिद्धि होती है जिनके पास ख्वाजा साहब की गद्दी चलती है ख्वाजा साहब के आदेश पर यह व्यक्ति जब किसी के बारे में पूछा लेते हैं या कना निकालते हैं उसके बाद ख्वाजा साहब को खुशी से साधना का फल मिलने के बाद और अपनी मर्जी से और खुशी से या देवता जब मांगता है आप जब हाजिरी देते हो तो इसको पक्की हाजिरी बोला जाता है जिसमें की दलिया बनाकर और मिठाई पतासो का चूरा और जो देसी घी है मिक्स करके ही इसमें दिया जाता है।

उतारे की हाजिरी या वह हाजरियां होती हैं जिनमें आप किसी व्यक्ति के ऊपर कोई तांत्रिक क्रिया है कोई तांत्रिक का प्रहार हो रखा है यहां किसी के पास कोई नेटिव चीज या उसका औरा बिल्कुल ही खराब है तब उस वक्त जो हाजिरी उसके सर से घुमाके दी जाती है उसको उतारे की हाजरी बोला जाता है इस हाजिरी को अलग-अलग प्रकार से व्यक्ति ग्रस्त व्यक्ति जो होता है जिसके ऊपर कोई क्रिया लगी होती है उसकी क्रिया के तोड़ के हिसाब से ख्वाजा पीर की जो आगे से आदेश होता है या वह जो वह बोलते हैं उसी के हिसाब से ही इस हाजिरी का उतारा दिया जाता है उतारे की हाजिरी की पुष्टि इंटरनेट पर नहीं करी जा सकती है ज्यादा जानकारी के लिए आप मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट करके वीडियो देख सकते हो आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।



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