दिवाली वाले दिन गुरु मंत्र का हवन करने की विधिदिवाली पर गुरु मंत्र का हवन करने से मानसिक शांति, सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यहाँ गुरु मंत्र का हवन करने की विधि दी गई है:

दिवाली वाले दिन गुरु मंत्र का हवन करने की विधि

दिवाली पर गुरु मंत्र का हवन करने से मानसिक शांति, सकारात्मकता और आध्यात्मिक उन्नति होती है। यहाँ गुरु मंत्र का हवन करने की विधि दी गई है:

आवश्यक सामग्री

1. हवन सामग्री:

हवन कुंड

हवन लकड़ी (आम, बांस)

तिल, चावल, गुड़, घी

फूल (गुलाब, चंपा)

नारियल



2. पूजा सामग्री:

गुरु की प्रतिमा या चित्र

दीपक (घी या तेल)

अगरबत्ती

चंदन, कुमकुम और चावल

फल और मिठाई (नैवेद्य के लिए)




हवन की विधि

1. स्थान का चयन:

एक स्वच्छ और पवित्र स्थान का चयन करें। ideally, उत्तर-पूर्व दिशा में।



2. सफाई और पवित्रता:

पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें और गंगाजल छिड़कें।



3. गुरु की स्थापना:

गुरु की प्रतिमा या चित्र को एक साफ कपड़े पर रखें।



4. दीप जलाना:

भगवान के सामने दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।



5. गणेश पूजन:

सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें। उन्हें पुष्प, फल और मिठाई अर्पित करें।



6. गुरु मंत्र का जाप:

गुरु की पूजा के बाद, निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:


ॐ गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः।
गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः॥



हवन प्रक्रिया

1. हवन अग्नि प्रज्वलित करें:

हवन सामग्री से अग्नि प्रज्वलित करें।



2. मंत्रों का जाप:

हवन करते समय निम्नलिखित गुरु मंत्रों का उच्चारण करें:


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।


3. आहुति दें:

हवन अग्नि में तिल, चावल, गुड़ और घी की आहुति देते समय यह मंत्र उच्चारण करें:


ॐ गुरु ब्रह्मा नमः (हर आहुति के साथ)



पूजा के बाद

1. आरती:

हवन के बाद गुरु की आरती करें।



2. प्रसाद वितरण:

हवन का प्रसाद परिवार के सदस्यों में बांटें।




निष्कर्ष

दिवाली पर गुरु मंत्र का हवन करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करना महत्वपूर्ण है। इस हवन से आप अपने जीवन में सकारात्मकता और सुख-समृद्धि का अनुभव करेंगे।



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