पितरों के पूजन की विधि PITRO KI SEWA KARNE KI VIDHI

 

पितरों के पूजन की विधि

पितरों का पूजन हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह माना जाता है कि पितरों का आशीर्वाद हमें सुख-समृद्धि प्रदान करता है। पितरों के पूजन की विधि कुछ इस प्रकार है:

तैयारी

  • शुद्धता: पूजन से पहले स्नान करके शरीर को शुद्ध करना चाहिए।
  • स्थान: पूजन के लिए एक साफ और शांत स्थान का चुनाव करें।
  • पूजा सामग्री: दीपक, अगरबत्ती, धूप, फूल, फल, मिठाई, जल, कुश, अक्षत, रोली, चंदन, और पितरों का चित्र या प्रतिमा।

पूजन विधि

  1. पितरों को आमंत्रित करना: सबसे पहले पितरों को विधिवत रूप से आमंत्रित करें।
  2. दीपक जलाना: दीपक जलाकर पितरों का स्वागत करें।
  3. अर्ध्य देना: जल से भरे कलश में कुश और अक्षत डालकर पितरों को अर्ध्य दें।
  4. फूल चढ़ाना: पितरों को फूल चढ़ाएं।
  5. मिठाई और फल चढ़ाना: मिठाई और फल चढ़ाकर पितरों का भोग लगाएं।
  6. धूप-दीप करना: धूप और दीप जलाकर पितरों को प्रसन्न करें।
  7. मंत्रों का जाप: पितरों के लिए मंत्रों का जाप करें।
  8. श्रद्धांजलि देना: पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करें।
  9. भोजन का दान: ब्राह्मणों को भोजन दान करें या गरीबों को भोजन कराएं।

शुभ मुहूर्त

पितरों का पूजन अमावस्या, श्राद्ध, और पितृ पक्ष के दौरान किया जाता है। इन दिनों को पितरों के लिए विशेष माना जाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • पूजन के दौरान मन को एकाग्र रखें।
  • पितरों के प्रति श्रद्धा और भावना रखें।
  • पूजन के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा दें।

नोट: पितरों के पूजन की विधि विभिन्न संप्रदायों में थोड़ी-थोड़ी भिन्न हो सकती है। इसलिए, किसी विद्वान ब्राह्मण से सलाह लेना उचित होगा।

अन्य जानकारी:

  • पितरों का पूजन करने से न केवल पितर प्रसन्न होते हैं बल्कि हमें भी मानसिक शांति मिलती है।
  • पितरों के आशीर्वाद से हमारा जीवन सुखमय होता है।

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