श्राद्ध पूजा के दौरान निम्नलिखित विधि का पालन किया जाता है:
1. **पवित्रता**: सबसे पहले, स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को साफ करें।
2. **पुजन सामग्री**: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री एकत्रित करें, जिसमें तिल, पानी, काले तिल, चावल, फूल, दीपक, घी, और पितरों के चित्र शामिल होते हैं।
3. **पिठल पर पूजा**:
- **पिंडदान**: पितरों के लिए पिंड (काले तिल, चावल, और दूध का मिश्रण) बनाएं और इसे एक प्लेट में रखें।
- **पिंड का अर्पण**: पिंड को विशेष स्थान पर रखें और अपने पितरों का स्मरण करें। पिंड को एक कुशा के ऊपर रखकर, उसे कुछ मिनट के लिए रखें।
4. **पानी और तिल का दान**:
- **तिल का दान**: तिल के साथ पानी को एक बर्तन में मिलाएं और इसे पितरों के लिए अर्पित करें।
- **पानी का अर्पण**: तिल के पानी को अर्पित करते हुए पितरों के नाम का उच्चारण करें।
5. **ब्राह्मण पूजन**:
- **ब्राह्मणों को भोजन**: ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन कराएं। भोजन में विशेष रूप से दान, फल, मिठाई, और चाय शामिल करें।
- **दक्षिणा**: भोजन के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा दें।
6. **पूजा के बाद**:
- **विजय तिलक**: पूजा स्थल पर तिलक लगाएं और दीप जलाएं।
- **प्रार्थना**: पितरों के मोक्ष और शांति के लिए प्रार्थना करें।
7. **साधारण नियम**:
- **शांति**: पूजा के दौरान शांति बनाए रखें और ध्यान केंद्रित करें।
- **साधुता**: अनावश्यक गतिविधियों से बचें और व्रत का पालन करें।
इन विधियों का पालन करके आप श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध पूजा कर सकते हैं।
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