पितृ पक्ष में पितरों की शांति और तृप्ति के लिए विशेष कर्म किए जाते हैं। इस दौरान कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। यहां कुछ बातें दी जा रही हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:
1. **मांस-मदिरा का सेवन न करें**: पितृ पक्ष में मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन वर्जित माना गया है। यह समय शुद्ध और सात्विक आहार का होता है।
2. **विवाद और कलह से बचें**: इस दौरान घर में शांति बनाए रखें और किसी प्रकार का कलह या विवाद न करें। पितरों का तर्पण शांति और सामंजस्य से करना चाहिए।
3. **अश्रद्धा या आलस्य न दिखाएं**: पितृ पक्ष में पितरों के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए। यदि आप तर्पण कर रहे हैं, तो उसे श्रद्धापूर्वक और विधिपूर्वक करें। किसी प्रकार का आलस्य या लापरवाही न दिखाएं।
4. **सूर्यास्त के बाद श्राद्ध न करें**: श्राद्ध कर्म हमेशा दिन के समय, विशेष रूप से दोपहर के पहले ही करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद श्राद्ध नहीं किया जाता है।
5. **दान और पुण्य कार्यों में कमी न करें**: पितृ पक्ष में दान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वस्त्र, भोजन, जल और अन्य आवश्यक वस्तुएं ज़रूरतमंदों को दान करें। इससे पितरों को शांति मिलती है।
6. **झूठ और गलत कार्यों से बचें**: इस समय झूठ बोलना, छल-कपट करना और अन्य अनैतिक कार्य करना वर्जित होता है। शुद्धता और नैतिकता बनाए रखें।
7. **नाखून काटना और बाल कटवाना**: पितृ पक्ष में नाखून काटना, बाल कटवाना, शेविंग करना अशुभ माना जाता है।
इन बातों का ध्यान रखकर पितृ पक्ष के दौरान सही कर्म और आचरण का पालन करना चाहिए, जिससे पितरों को संतोष और शांति मिले।
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