सबल सिंह की दोनाली
जय मुरथल खेड़े की जय गंगा जमना सरस्वती की जय सबल सिंह पर केसरमल की कसम तने माता कपूर पिता हेमराज की कसम तने नागेगुरु की सफीदो से चल साथ ले मैदानन मैं कन्धे दोनाली सिद्ध हो करो बलाई ।
सबल सिंह बावरी पीर का मंत्र जाप साधना करने की विधि काफी धार्मिक और आध्यात्मिक होती है। यह अमल विशेष तकनीकों और ध्यान की शिक्षा के साथ किया जाता है। इसके लिए आपको एक गुरु की मार्गदर्शन लेना चाहिए जो इस विधि को सिखा सकते हैं। ध्यान, मंत्र जाप और धारणा का अभ्यास इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होता है। ध्यान, मंत्र जाप और धारणा का अभ्यास इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होता है। यह ध्यान और अध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
मंत्र जाप करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन किया जा सकता है:
1. **आवास चयन**: एक शांत और प्राकृतिक स्थान चुनें जहां आप बिना किसी परेशानी के बैठ सकते हैं।
2. **आसन**: सम्मुख, ध्यान में आसान होने के लिए स्थिर और शांत आसन अपनाएं।
3. **ध्यान**: अपने मन को शांत और फोकस किया रखें। ध्यान केंद्रित करने के लिए किसी आकर्षक वस्तु को चुनें या मन्त्र का उच्चारण करें।
4. **मंत्र का उच्चारण**: चयनित मंत्र का ध्यान में उच्चारण करें। ध्यान केंद्रित रहें और मंत्र को सुनते हुए उसे मन में धारण करें।
5. **ध्यान का समापन**: ध्यान सत्र के अंत में, ध्यान को समाप्त करें और ध्यानिक अवस्था से निकलें।
6. **आशीर्वाद**: सत्र के बाद, इस साधना का आशीर्वाद लें और धन्यवाद का अभिवादन करें।
यदि आप किसी विशेष मंत्र का जाप करना चाहते हैं, तो एक गुरु से प्राप्त करें और उनकी मार्गदर्शन में इसका अभ्यास करें।
साधना आपको 41 दिन करनी है गुरु दीक्षा लेकर बाबा के नाम का हुक्का प्रतिदिन या फिर आप लोग रविवार के रविवार लगा सकते हैं और जिन लोगों के घर में इनकी पूजा होती है सेवा चलती है मेहंदी इत्यादि का भोग लगता है वह उसी अनुसार भोग लगाएंगे स्थापना लेने के लिए आप लोग मेरे साथ बात कर सकते हो सवारी लेने के इच्छुक हो सनी नाथ युटुब चैनल गुरु गोरखनाथ यूट्यूब चैनल को जरूर देखें साधना का जो शुल्क होगा वह आप लोगों को देना पड़ेगा और बाकी के नियम ऊपर बताए गए हैं भोग में पांच लड्डू कढ़ाई आप लोगों ने जोत पर देनी है सरसों के तेल का चिराग लगाना है ऊपर दिए गए मंत्र का 11 माला नित्य जाप करना है खाकी रंग की पगड़ी बांधकर आप लोगों ने मंत्र का जाप करना है गुरु दीक्षित होकर ही मंत्र का उच्चारणकरें इस साधना का अनुष्ठान बिना गुरु के ना करें क्योंकि ऐसा करने से आपको साधना में किसी प्रकार की त्रुटि होने पर दुख तकलीफ एवं शंख्तों के दौर से गुजरना पड़ सकता है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा।
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