साधना में इतनी बार ही ब्रह्मचर्य खंडित होना चाहिए वह भी सपनों के माध्यम से आपकी अपनी इच्छा नहीं होनी चाहिए संकल्प के दौरान

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आया हूं हर एक व्यक्ति और भगत के मन में प्रश्न होता है कि मैं साधना में हूं क्या मेरा ब्रह्मचर्य खंडित हो जाता है सपनों के द्वारा तो मेरी साधना का फल खत्म हो जाता है तो उन लोगों के लिए यह पोस्ट कारगर सिद्ध होगा किसी भी व्यक्ति का ब्रह्मचारी खंडित होने से साधना खंडित नहीं होती है लेकिन इसमें उसे व्यक्ति की स्वयं की इच्छा नहीं होनी चाहिए सपनों के माध्यम से देवताओं के गानों के द्वारा आपकी परीक्षा के दौरान ऐसी क्रिया आपके साथ होती है शरीर की क्रिया अपने आप हो जाती है तो उसमें आपका कोई दोष नहीं होता है लेकिन किसी भी साधना में ब्रह्मचर्य खंडित दो से तीन बार तक ही होना चाहिए इससे अधिक अगर आपका ब्रह्मचर्य खंडित होता है तो साधना के फल में आपको दिक्कत हो सकती है आप उसे मंत्र से उतनी एनर्जी अपने शरीर में इकट्ठी कर लेते हो और बार-बार ब्रह्मचर्य खंडित होने के बाद वह शक्ति वीर्य के माध्यम से शरीर से बाहर आ जाती है इसीलिए आपके मंत्र उतने उग्र और आपकी किराए उतनी उग्र सिद्ध नहीं हो पाती हैं जिस व्यक्ति का ब्रह्मचर्य जितना ज्यादा कंट्रोल में होता है वह उतना ही तगड़ा भगत बनता है ज्यादा जानकारी के लिए यूट्यूब चैनल सनी नाथ को जरूर देखें बाकी की सर्विस पेड़ है साधना के अनुसार ही भोग प्रसाद रहता है आदेश आदेश यह गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।


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