महाविद्या धूमावती जयंती (27 मई 2023 - 28 मई 2023) एक दिवसीय साधना सिद्धि MAHAVDIYA DHUMVATI JYANTI 27 MAY 2023 28 MAY 2023

धूमावती जयंती 27 मई सुबह 7:43 से शुरू होकर 28 मई सुबह 9:56 पर समाप्त हो जाएगा, सूर्योदय के सिद्धांत अनुसार 28 मई पूरा दिन और रात धूमावती जयंती पालन किया जा सकता है, साधना में रुचि रखने वाले व्यक्ति 27 तारीख रात्रि में ही साधना करें ।यह एक दिवसीय साधना है एक दिन ही आपको प्रयोग करना है उमावती यंत वाले दिन आपने अच्छे से यह पोस्ट पढ़ लेना फिर इस प्रयोग को करना है जो व्यक्ति किसी प्रकार की तांत्रिक विद्या में फंसे हुए हैं वह लोग यह प्रयोग किसी व्यक्ति से संकल्प लेकर अपने लिए करवा सकते हैं या किसी व्यक्ति के ऊपर किसी प्रकार का तांत्रिक प्रहार तांत्रिक क्रिया होती है तो भी यह लोग प्रयोग कर सकते हैं इस प्रयोग के लिए अच्छे से नियम समझ ले फिर ही साधना को करें अगर आप पहले से ही साधक हो आपने भक्ति कर्म कर रखा है तो आप इस मंत्र इस विधान का प्रयोग कर सकते हो अन्यथा इस मंत्र का प्रयोग आपने नहीं करना है यह एक प्रयोग है इस प्रयोग के साथ के ऊपर कर्जा किसी प्रकार का दोष या किसी प्रकार का ग्रहण दोष भी होगा वह कट जाएगा जो लोग दसमहाविद्या की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं वह लोग इस अनुष्ठान से महाविद्या की कृपा प्राप्त कर सकते हैं मंत्रों का हवन एवं मंत्रों का जाप एवं बीज मंत्र का प्रयोग निम्नलिखित है लेकिन एकदिवसीय करने से मात्र आपके ऊपर कृपा हो सकती है प्रयोग आप नहीं कर सकते हो क्योंकि भोलेनाथ के द्वारा सभी मंत्र की देता है वैदिक मंत्रों का उच्चारण वैदिक मंत्रों की साधना के नियम शाबर मंत्रों से अधिक कठिन होते हैं जिसमें भूमि शयन ब्रह्मचार्य माला वस्त्र आसन फल फूल इत्यादि सब होते हैं यह माला के ऊपर जाप किया जाता है फिर ही इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है सर्वप्रथम एकदिवसीय प्रयोग वह लोग कर सकते हैं जो धूमावती माता का प्रयोग पहले से करते हैं जिनके ऊपर माता की कृपा दृष्टि है वह लोग इस प्रयोग को करेंगे तो ज्यादा फल मिलेगा जिस व्यक्ति को भक्ति एवं कर्म के बारे कुछ पता ही नहीं है जिस व्यक्ति ने कभी साधना सिद्धि कर ही नहीं किसी देवता का मंत्र जाप तक नहीं करा उसको यह विधि करने की जरूरत नहीं है उस व्यक्ति के ऊपर यह विधि लागू नहीं होगी क्योंकि इसके लिए जप और तप कठिन परिश्रम चाहिए आप चाहे असली जीवन व्यतीत करते हो फिर भी आपको यह कार्य करने से पहले आपके ऊपर देवताओं की कृपा दृष्टि होना जरूरी है और आपका शरीर उस प्रकार से होना चाहिए कि मैं साधना सिद्धि के दौरान होने वाले अनुभव एवं देवताओं के भजन को और आपकी कुंडलिनी शक्ति जो कि मूलाधार चक्र से ऊपर की ओर प्रस्थान करती है इतनी समझ आपको होनी चाहिए तभी आप इन मंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं विधि को अच्छे से पढ़े कुछ समझ में नहीं आता तो मेरे यूट्यूब चैनल सेलिना पर विजिट करें चैनल को सब्सक्राइब करें लाइक में मेरे साथ फ्री में बात कर सकते हो बाकी आप कोई भी साधना अरदास लगवा कर लेकर मंत्रों का प्रयोग कर सकते हो साधना के अनुसार ही मेरा खर्चा रहता है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सुन नाथ शर्मा ।
धूमावती साधना कैसे करें

एक स्टील के प्लेट में काजल से त्रिशूल की आकृति बनाकर उसके सामने मंत्र जाप किया जा सकता है धूमावती का स्थाई चित्र एवं मूर्ति या यंत्र घर में नहीं रखना चाहिए अगर वह व्यक्ति धूमावती साधक ना हो तो सिद्धि की चाहत रखने वाले व्यक्ति सफेद कपड़ा सफेद आसन का प्रयोग करें एवं उत्तर दिशा की ओर मुंह करके मंत्र जाप करें, बाकी सारे समस्या निवारण के लिए काले रंग का वस्त्र काला आसन का प्रयोग करें एवं दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके मंत्र जाप करें मंत्र जाप के लिए एक नया रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें, 7 अगरबत्ती या फिर किसी भी धूप का प्रयोग करें मंत्र जाप कालीन धूप का होना आवश्यक है,7 नए मिट्टी के दिए का प्रयोग करें एवं सरसों का तेल से दिया जलाएं प्रसाद के लिए कोई भी नमकीन प्रसाद भोग में दिया जा सकता है,साधक स्वयं या अपने परिवार में किसी दूसरे व्यक्ति को प्रसाद ना दे और खुद भी ना खाए, इस प्रसाद का आपको विसर्जन करना होगाआपको सफेद रंग का फूल देवी को देना है और अगर संभव हो तो सफेद रंग का आक का फूल या सफेद मदार का फूल ही देआप अपने जरूरत अनुसार संकल्प लेकर 11 माला 21 माला या 51 माला धूमावती बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं साधना के अगले दिन आपको एक कपड़े में मंत्र जाप किए गए रुद्राक्ष माला भोग में दिए गए प्रसाद सारे दिए सारे अगरबत्ती या धूप के अवशेष फूल सबको बांधकर विसर्जन करना है अगर कोई नदी या तालाब है तो उसमें विसर्जन कर सकते हैं अगर ऐसा नहीं है तो शमशान में जाकर रख कर आ सकते हैं अगर ऐसा संभव नहीं है तो किसी पेड़ के नीचे रख कर आ सकते हैं लेकिन ध्यान दे कोई आने जाने वाला व्यक्ति उस कपड़े को पाव से ना छुए स्टील प्लेट को अगले दिन धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है उसे विसर्जन करने की आवश्यकता नहीं है

धूमावती बीज मंत्र यह है- 

धूं (Dhoom)




हवन को करने की विधि

इन सारी समस्याओं के लिए व्यक्ति को धूमावती जयंती के अवसर पर धूमावती मूल मंत्र से जी एवं नीम के पत्ते से हवन करनी चाहिए इस हवन को संपन्न करने के बाद व्यक्ति को चाहिए महालक्ष्मी हवन भी करें जोकि किसी पूर्णिमा के दिन किया जा सकता है या फिर शुक्रवार के दिन, आपको महालक्ष्मी हवन घी,केसर,हल्दी,कमल गट्टा के बीच, सफेद चावल एवं शहद को एक साथ मिलाकर उसी से हवन करना चाहिए, कोशिश कीजिए यह हवन खुद से करने की अगर ना कर पाए तो किसी पंडित या ब्राह्मण को बुलाकर करवा ले

धूमावती हवन के लिए आप सफेद आक की लकड़ी का प्रयोग करें या फिर सफेद मदार की लकड़ी का प्रयोग करें, वह उपलब्ध ना होने पर पीपल बरगद या आम की लकड़ी का प्रयोग करें

धूमावती मूल मंत्र दो है इनमें से किसी एक का चयन करके हवन किया जा सकता है

1. धूं धूं धूमावती ठः ठः (Dhoom Dhoom Dhumavati Tha Tha)
2. धूं धूं धूमावती स्वाहा (Dhoom Dhoom Dhumavati Swaha) 

इस हवन को स्वयं करें और अगर स्वयं से ना हो पाए तो किसी पंडित से साधक से या तांत्रिक से करवा ले सबसे श्रेष्ठ होगा किसी तंत्र के जानकार व्यक्ति से इस हवन को करवाएं हवन करने वाला व्यक्ति चाहे कोई भी हो काला कपड़ा पहन के हवन करें काला आसन पर बैठकर हवन करें अन्यथा सावन का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होगा आपको 11 माला हवन करना है यानी 1188 आहुति देना है ।

एक वैदिक क्रिया है इसकी रिया को किसी योग्य गुरु के सानिध्य में ही करें इस क्रिया को करने से पहले सारे नियम अच्छी तरह से समझ रहे मेरा काम जन कल्याण हेतु आप लोगों को विधिपूर्वक चीज बताना है अगर आप के ऊपर गुरु कृपा दृष्टि नहीं है तो आप मंत्रों का प्रयोग नहीं कर सकते वैदिक मंत्रों को सिद्ध करने के नियम कठिन होते हैं एक भी नियम अगर आप लोग तोड़ते हो तो आपकी साधना सफल नहीं होती है अच्छे से सोच समझ कर ही इस प्रयोग को करें और इस प्रयोग को करने से पहले आप मेरे धोने पर 2550 की अरदास भी लगवा सकते हो और आप यह साधना दीक्षा लेकर भी कर सकते हैं 1 दिन का ही प्रयोग है लेकिन उन लोगों के लिए जो माता को पहले से पूछते हैं नए सिरे से कोई 1 घंटे पूजा करेगा तो माता उसके सर पर नहीं आएगी ।


No comments:

Post a Comment