पद्म पुराण में वर्णित मांस भक्षण करने का परिणाम आपको सदा सर्वदा के लिए सात्विक भोजन का सेवन करने के लिए प्रेरित करेगा:
मांस खाना अति निषिद्ध है, जिस घर में भगवान की सेवा पूजा अर्चना होती है वहां मांस का प्रवेश एक अपराध है।एक बार मांस खा लेने पर पद्म पुराण अनुसार उस इंसान को घोर नर्क में जाना पड़ता है, घोर नर्क में पीड़ा कष्ट भोगने के बाद उसको 60000 यानी 60 हज़ार मनुष्य वर्षों तक विष्ठा और मल का कीड़ा बनना पड़ता है।
मांस भक्षी प्राणी कभी भी सात्विक नही हो सकते, उनमें हमेशा प्रमाद और आलस्य जैसे तामसिक गुण प्रत्यक्ष दिखते हैं। इस के कारण भक्ति में विक्षेप होता है, भजन में ध्यान नहीं लगता।
मसल्स या मांसपेशियां बनाने के लिए जो मांस भक्षण करते हैं उनसे न तो व्यायाम हो पाएगा न ही वीर्य स्तंभन, ऐसा करने से केवल अधर्म में वृद्धि और पाप का बोझ ही बढ़ता है।
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