भूतकाल भविष्य काल वर्तमान देखने की साधना PUCCHA LENE KA SIDDHI MANTRA PARYOG ANUBHUT SADHANA SIDDHI

ॐ नमो कोटि वज्र पर शिला तापर बैठे शोषा वीर ताके साथ नवनाथ बैठे चौरासी सिद्ध बैेठे ठ:ठ:ठ: ह्रीं ह्रीं आगच्छ मत्- समिप्य त्वरमान्य त्रैलोक्य पर्यन्तान भूतानामकान शिघ्र मानय हुं फट प:प: !

किसी शुभ दिवस में तिर्थ स्थान में जाकर १०८बार जाप करे काले ऊन की बनी माला पर तत्पश्चात रात्रि में १०८जाप करे जप के आदि और अन्त तिर्थ की बलि प्रदान करे दक्षांस होम करे तो सिद्धी होवे सिद्धी उपरांत सकंल्प करके सात दिनो तक उक्त विधी से सिद्ध मन्त्र का जाप करे कार्य पुर्ण होवे उच्च से उच्च अधिकारी वशिभूत होगा यदि चौदह दिवस जाप करे विधी अनुसार तो सकल  मनोरथ पुर्ण होगा 

दिवाली वाले दिन आप इस मंत्र का अनुष्ठान शुरू कर सकते हो इस मंत्र के अनुष्ठान के लिए किसी तीर्थ स्थान पर बैठ सकते हो नदी के किनारे को प्राचीन मंदिर हो काले उनकी बनी माला बुलेट है कि की माला काले आश्रम के ऊपर बैठकर अंत आपने तीर्थ की बलि निकालनी है साधना सिद्धि होने के उपरांत संकल्प करके 7 दिनों तक उक्त विधि जो विधि बताई है आपने जब करते रहना है उच्च अधिकारी वशीभूत होता है और जो भी आपके मनोरथ पूरे होते हैं हवन सामग्री में धतूरे के फल की बहुत ले सकते हैं या सरोहा के पत्ते ले सकते हैं और और थे या कहते का गुदा आता है और गाय के घी में मिलाकर आप भाई साहब निकालेंगे मंत्र का जप संघ 12500 या रहेगा साधना करने से पहले मेरी यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट करें चैनल को सब्सक्राइब करें फ्री में बातचीत कर सकते हो बाकी की जानकारी मेरी वेबसाइट पर मिल जाएगी यह साधना पेड़ साधना है ऐसे मत करना बिना गुरु के अनुष्ठान ना करें ऐसे आपको साधना में सिद्धि प्रदान नहीं होने भूतकाल भविष्य काल वर्तमान सब दिखता है किसी भी व्यक्ति को अपनी तरफ जाने की क्षमता रखता यह मंत्र स्वयं अनुभूत मंत्र आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा 

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