गुरु गोविंद जी का जंजीरा जिसमें चलते हैं 33 कोटि देवी देवता नवनाथ 84 सिद्ध जिसकी कोई काट नहीं भूत प्रेत जिन्न जिन्नात सबको बांध लेते हैं दस्पत्साही GURU GOBIND ZANZIRA JAAP

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए एक जंजीर आज आप लेकर आया हूं इस जंजीर का जाप आप तब कर सकते हैं जब हर एक प्रकार के प्रयोग कर कर आप लोग थक जाते हैं इस मंत्र का प्रयोग गुरु सानिध्य में करना है यह मंत्र का प्रयोग गुरु कृपा वाले व्यक्ति भगत जन ही कर सकते हैं इस मंत्र का प्रयोग आम जनता नहीं कर सकती है जो लोग गुरुमुखी हैं जिन लोगों की दीक्षा हो चुकी है वह लोग इस मंत्र से कार्य ले सकते हैं सर्वप्रथम शाबर मंत्र है शाबरी विद्या है इस मंत्र को आपको पहले कंठस्थ करना पड़ता है किसी भी मंत्र को चलाने से पहले आप उसको अच्छे से याद कर ले फिर ही आपने उस मंत्र का प्रयोग करना होता है क्योंकि अगर आप मंत्र को देखकर करते हो तो आपकी जाप में और आपके ध्यान की एकाग्रता नहीं बनती है आप ध्यान में नहीं जा सकते हो जिसके कारण आप उस फल या देवता के दर्शन से वंचित रह जाते हो पूर्ण रूप से गुरु दीक्षा प्राप्त करने के बाद ही इस मंत्र का प्रयोग करना है ज्यादा जानकारी के लिए मेरे यूट्यूब चैनल सनी नाथ पर विजिट जरूर करें चैनल को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर क्लिक करें ताकि जब भी मैं लाइव हूं आप मेरे साथ फ्री में बात कर सके अपने प्रश्नों के उत्तर और अपने सपनों के उत्तर फ्री में आ सके बाकी मेरे तीन और चैनल है नवनाथ 84 सिद्ध गुरु गोरखनाथ और शिव गोरक्ष सबसे ज्यादा वीडियो सनी नाथ और नवनाथ 84 सिद्ध चैनल पर ही आते हैं दोनों चैनल को सपोर्ट जरूर करें अच्छे से वीडियो को देखें और समझने की कोशिश करें बाकी की जानकारी मेरी वेबसाइट पर आपको मिल जाएगी अगर आपने फ्री में ही जानकारी लेनी है तो चैनल तक ही सीमित रहना है आपने ऐसे मुझे मैसेज नहीं करनी है 

ॐ-कार गुरु गोविन्द को नमस्कार चलु चलु सब देवतन की शक्ति  भूत-प्रेत-पिशाच, कुल-दोष, गोत्र-वध, चमर-दोष कुल मह, केहू कर मारा मुवा वा, मुवा मिरचुक केतहू कर, किहा आइ होइ, नन औरेक, अजि औरेक, ससुरारीक, बैताल, जोगनी चरी चमारी, देव-दानव भैरो-भवानी, मरी-मसान, हड़न्त, गड़न्त, भूत-प्रेत, शाकिनी, डाकिनी, तर धरती कर ऊपर अकास कर आदि-जोति महा-काली आद्या-शक्ति, कासी के कोतवाल भैरो साहेब हदी-वदी किहा-करावा, पेशा पेशागर वा, गरा, झगरा मरा नात कबीला कर भाई भवादी कर, कुल कर, रोग-दोष-प्रयोग, मही मारुका, फूलमती, चौंसठ दोष गोरख हाँकै, हनुमन्त पडापै, जिमी हालै, अकास हालै  अरजुन कर बाण, भीम कर गदा, हनीमान कर मुगदर, कासी कोतवाल भैरो का दण्ड, छांडु ग्रह लागु पन्थ  काल-भैरो, भूत-भैरो, महा-काली, आद्या-शक्ति पदी कर पद, जहाँ कर तहाँ  जेहि डार का बिछुरा, तहि डार लागै दूध का दूध, पानी का पानी, निरीक्षण करि देइ ब्रह्म वाचा, विष्णु वाचा, रुद्र वाचा, तीनिऊ वाचा कर दोष ऊपर परै जो एतना काज न करौ, तो गऊ के रक्त सो नहाई वाचा छोड़ कुवाचा चलै, तो सात इस्त्री के अघोर नरक में पचि मरै  या काल भैरो बटुक भैरो, एतना काज न करो, तो कासी भरे का पूजा हराम है या हनुमान साहब, अञ्जनी के पूत, एतना काज न करौ, तो तीनों लोक, अजोध्या पुरी, जगन्नाथ-पुरी का रोट-पूजा हराम है  माता अञ्जनी पारबती का सत टारै का दोष परै या पाँचो पीर औलिया, गाजी मियाँ, एतना काज न करौ, तो बीबी फातिमा का तीसौ रोजा क हराम है, सुवर का हलाल है  या भैरो-नाथ, हनुमान साहेब, चारहु दिसा के पीरहु, तैंतीस कोटि देवता, नृसिंह, देवी पाटन विन्ध्याचल की भवानी, एतना देवता का लाख गौ, लाख ब्राह्मण मारै का दोष है, ईश्वर का हतक है  जौन हदी करहद पदी कर पद, जहाँ कर तहाँ  जवनी गाई कर लेहवा, तवनी गाई लगाइ देइ आनि करह, तौ परमेश्वर कै दोहाई  नारायन की शक्ति, गौ गोहारि, बालक गोहारि त्रिया गोहारि तीनिऊ गोहारि न मिलै तो एतना दोष पाप ऊपर परै । 

क्योंकि वही पर ही उत्तर आना है इस साधना को करने का विधान आप लोग समझ ले अच्छे से इस मंत्र का प्रयोग करने से पहले कुछ विधान है जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन कर कर इस मंत्र का जप करता है पूर्ण रूप से उसको यह मंत्र कुछ ही दिनों में सिद्ध हो जाता है नए साधक जो गुरुमुखी में हुए हैं वह इस मंत्र का जप नित्य सुबह शाम या एक टाइम 11 बार जपेंगे और जो गुरुमुखी हैं जिन भगत जनों के पास पहले से ही किसी देवी-देवताओं की कृपा है वह भगत जन इस मंत्र को मात्र 7 बार चलेंगे किसी भी ग्रहण काल में इस मंत्र को जितनी आपकी समर्थन आप जप जरूर ले फिर आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं इस मंत्र का प्रयोग अपने लोगों के ऊपर करना है चाहे किसी के ऊपर से कोई चीज काटनी हो अथवा मंत्र का प्रयोग करना हो लॉन्ग ही आपने लेने हैं फूल वाले लांग लेने हैं अखंडित लोग नहीं लेने है और लॉन्ग लेने के बाद आपने मंत्र को पढ़ते जाना एक लोंग को तोड़कर अग्नि में डालते जाना आप जोड़ा भी ले सकते हो और एक एक भी कर सकती हो 7 बार ही प्रयोग करना ऐसा करने से किसी के ऊपर कोई विपत्ति कोई भूत प्रेत या अन्य कोई चीज हो उतर जाएगी और स्पष्ट ली आपको उत्तर भी मिलेंगे और आप को उसके ऊपर क्या दिक्कत है यह देख भी जाएगी आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।

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