आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए संदीप जी की साधना लेकर आया सोमदेव महाराज की साधना सिद्धि करने से पहले मैं आपको बता दूं अपनी कुंडली में ग्रह नक्षत्र और अपने ग्रह नक्षत्रों की स्थिति जरूर देख लेनी है नवग्रह देवता को मनाने के लिए आप इन मंत्रों का प्रयोग कर सकते हो जन कल्याण हेतु यह मंत्र यहां पर प्रकाशित कर रहा हूं गुरु सानिध्य में गुरु कृपा से ही आपने इस मंत्र का प्रयोग करना है जन कल्याण हेतु ही मैंने मंत्र यहां पर प्रकाशित करें मंत्र का प्रयोग एवं विधान अच्छे से पढ़ ले और किसी जानकार के सानिध्य में या गुरु कृपा से ही मंत्रों का प्रयोग करना ज्यादा जानकारी के लिए मेरे यूट्यूब चैनल सारे चैनल को सब्सक्राइब करें लाइक करे और अपने सपनों का अर्थ फ्री में मेरे से पूछ सकते बाकी की जानकारी मेरी वेबसाइट पर है नवग्रह एक ऐसी चीज है इन की स्थिति और इनके घर बदल जाते हैं तो आपकी निजी लाइफ में कई प्रकार के उत्तर आओ चढ़ाव आते हैं सोमदेव महाराज की पूजा करके अगर आपकी कुंडली में इनका दोष है तो आप इनकी पूजा अर्चना करके इनको मना सकते हो इनको आप अपने पक्ष में कर सकते हैं इनका योगदान आपकी लाइफ में बहुत रहता है जिसमें की उन्नति पैसा और आपकी नौकरी संबंधित है और जो आर्थिक स्थिति है उसको यह आपके हिसाब से और अपने हिसाब से सही दिशा की ओर लेकर जाता है मंत्र के शब्द और बोल नीचे लिखे हैं याद रखना मंत्र कंठस्थ करना जरूरी है 13500 बार इस मंत्र का जप करके इस मंत्र को सिद्ध कर ले इन मंत्रों का हवन करना जरूरी है हवन के लिए क्या-क्या सामग्री की जरूरत पड़ती है वह आपको नीचे लिखी मिल जाएगी आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा
हवन सामग्रीः- गौघृत तथा पलाश की लकड़ी दिशा पूर्व मुद्राहंसी संख्या ९ बार या १०८ बार हवन सामग्री में गौ घृत पलाश की लकड़ी दिशा पूर्व मुद्रा हंसी रहेगी संख्या 9 बार जा 108 बार जब जो है आप रुद्राक्ष की माला के ऊपर नवग्रह देवताओं के कर सकते आश्रम कोई भी चलेगा वस्त्र साफ-सुथरे स्वच्छ होगी ही पूजा करने यह मंत्र का अनुष्ठान आप सब आमीन में कर सकते हो नित्य आपको तीन से पांच माला करनी है बाकी गुर के आदेश और गुरु के जो नियम होते हैं उन नियमों पर आधारित ही आपने साधना को करना और आगे बढ़ने साधना में कई प्रकार के अनुभव होंगे जो आप अपने गुरु से शेयर कर सकते हैं आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा ।
ॐ गुरुजी सोमदेव मन धरी बा शून्य निर्मल काया पाप न पुण्य शशीहर बरसे अम्बर झरे सोमदेव गुण येता करें सोमदेव जाति का माली शुक्ल वर्णी गोत्र अत्री ॐ जमुना तीर स्थापना थाप लो कन्हरे पुष्प शिव शंकर की पूजा करो सत फुरै सत वाचा फुरै श्रीनाथजी के सिंहासन ऊपर पान फूल की पूजा चढ़ै हमारे आसन पर ऋद्धि-सिद्धि धरै भण्डार भरे ७ वार २७ नक्षत्र ९ ग्रह १२ राशि १५ तिथि मंगल रवि शुक्र शनि बुधगुरुराहुकेतु सुख करै दुःख हरै खाली वाचा कभी ना पड़ै ॐ सोम मन्त्र गायत्री जाप रक्षा करे श्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथ नमो नमः स्वाहा
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