आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए पितरो को मनाने का उपाय लेकर आए काफी ज्यादा लोगों को लगता है कि मेरे घर में विपत्ति का कारण मेरे पित्र है पितर एक ऐसी पीड़ा देते हैं अगर यह नाराज होते हैं तो आपको कोई कार्य नहीं बनता है घर में विपत्ति रहती है झगड़ा मारपीट किसी का किसी के साथ बन्ना नहीं घर में चिड़चिड़ापन रहना आर्थिक तंगी और आपका कोई कार्य संपूर्ण नहीं हो पाया किसी की शादी रुक जाना किसी की औलाद का गलत कामों की तरफ आकर्षित हो जाना यह सब संकेत पितरों के ही संकेत है पितर अगर किसी के नाराज हो या प्रेत योनि में हो तो यह आपको पूरी लाइट तक दुख तकलीफ देते रहेंगे जब तक आप इन को सही ढंग से पूछते नहीं हो इनका दिल फुल आप दानपुर में अथवा इनको इनका समान समर्पित नहीं करते हो तब तक यह आपको तंग करते रहेंगे ज्यादा जानकारी के लिए मेरे युटुब चैनल सनी नाथ पर विजिट करें चैनल को सब्सक्राइब और बैल आइकन पर क्लिक जरूर करें लाइव चैट में मेरे साथ फ्री में आपा चित कर सकते हो बाकी की जानकारी मेरी वेबसाइट मेरे यूट्यूब पर मिल जाएगी ।
ॐ नमो कामद काली कामाक्षा देवी तेरे सुमरे बेड़ा पार पढ़िपढ़ि मारूँ गिनगिन फूल जाहि बुलाई सोई आये हाँक मार हनुमान बीर पकड़ ला जल्दी दुहाई तोय सीता सती अञ्जनी माता की मेरा मन्त्र साँचा पिण्ड काँचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा
इस मंत्र का प्रयोग सभा महीने करना है या पितृपक्ष सरादों में इसका प्रयोग आपने करना है जितने दिन के श्राद्ध होते हैं इस ऊपर दिए गए मंत्र का नित्य 11 से 21 माला जप करना है हनुमान जी के मंदिर में ही आपने इन का अनुष्ठान करना है यह अनुष्ठान घर पर नहीं करना है मंदिर में जाकर ही आपको एकांत स्थान पर बैठकर जपना है रुद्राक्ष की माला अपना आसन सदा ही अपने साथ लेकर जाएं साधना की स्टार्टिंग में हनुमान जी को चोला हनुमान जी को पांच लड्डुओं
का भोग पितरों के नाम का बोल देना कि आपने खीर का भोग नित्य हनुमान जी के मंदिर में लगाना है और आपने पहले दिन और आखरी दिन हनुमान जी को 21 का इस से अधिक गुलाब के फूलों की माला और इतने ही फूल आपने ले जाने लास्ट दिन 21 हो जा 21 से ज्यादा हो एक बार मंत्र पढ़ना है एक फूल हनुमान जी के चरणों में समर्पित करते जाना यह क्रिया आपको करते जाना है जितने फूल आपने पहले दिन चढ़ाए उतने ही फूल उनके चरणों में चढ़ाने यह क्रिया करने से पितर आपके समक्ष आएंगे एक दुआ आपने लास्ट में करनी है ।
हे मेरे पितर देवताओं अज्ञात और ज्ञात मेरे समक्ष हाजिर हो जाओ मुझे दर्शन दो मेरे द्वारा किए गए तिल फुल दान को सभी कार्य करो मेरे और मेरे पुल पर अपनी सदा मेहर करो इतना आपने बोलना है यह करम के लास्ट में दिन आपने अरदास करनी है 41 दिन की पूजा में आपको आपके घर के पित्र पहले दर्शन देने लग जाएंगे बाकी गुरु कृपा के ऊपर निर्भर करता है क्योंकि मंत्र अनुष्ठान गुरु कृपा से ही होना है आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा।
No comments:
Post a Comment