कुल देवता की सवारी लेने का विधान कैसे कुल देवता को प्रसन्न करें रुष्ट एवं वंदन में जकड़े के कुलदेवता की सिद्धि KULDEVTA KI SAWARI LENE KA SIDDH MANTRA PARYOG

आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ में सनी शर्मा एक बार फिर से आप सभी के लिए कुल देवता की साधना लेकर आए हो काफी ज्यादा भक्त जनों की डिमांड थी कि आप कुलदेवता के ऊपर भी पोस्ट लिखें कुल देवता कौन होते हैं कुल देवता वह देव होते हैं जो आप के कुल आपकी पीढ़ियों में प्रदर प्रथा पूजे जाते हैं वह कोई भी हो सकते हैं आप अपना इष्ट देवता भक्ति के अनुसार बदल सकते हो लेकिन कुल देवता और कुल की नीति और कुल की जो प्रथा होती है वह वैसे ही रहती है उसको आप नहीं बदल सकते हो सर्व प्रथम गुरु दीक्षित लोग अगर आपने कुल देवता को बनाना चाहते हैं तो वह इस विधान को फॉलो जरूर करें ज्यादा जानकारी के लिए मेरे युटुब चैनल सनी नाथ पर भी जरूर करें और चैनल को सब्सक्राइब लाइक करें वहां पर आप साधना संबंधित और अपने सपनों का अर्थ फ्री में मेरे से पूछ सकते हो और मेरी प्लेलिस्ट देख सकते हो जो कि अलग-अलग टॉपिक के ऊपर बनी हुई है ।

ॐ कुलदेवताआया नमः

ऊपर दिए गए मंत्र का अनुष्ठान सभा महीने आपको उठाना होता है सर्वप्रथम गणेश पूजन फिर गुरु पूजन फिर आप अपने घर के जितनी देवी देवता होते हैं उनके आगे अरदास लगा दो कि मैं जो भी कर्म कर रहा हूं इसका फल मुझे जरूर मिले यह करने के बाद स्वयं का आसन और रुद्राक्ष की माला साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर ऊपर दिए गए मंत्र का 21 से 31 माला नित्य आप करेंगे यह कर्म आपको सवा महीने तक करना है भक्ति करने का समय एक ही रहेगा सुबह और शाम का समय अपने अनुसार चुनने और कुलदेवता को भोग सब रूप सर्वप्रथम लहसुन प्याज रहता भला भोजन अथवा उसके अलावा आप मीठी खीर का भोग लगा सकते हो यह अनुष्ठान के दौरान आपको भट्ट इन प्रकार के स्वपन आएंगे उन सपनों का अर्थ आप मेरे लाइव चैट में मेरे से पूछ सकते हो अथवा जिन लोगों के गुरु हैं वह गुरु महाराज से ही आदेश लेकर आगे बढ़े यह साधना करने से आपकी मन की इच्छाओं की पूर्ति आपने कुलदेवता करते हैं और रुष्ट हो कुलदेवता बंधन में हो वह खुलकर आ जाते हैं आपको संकेत भी दे देते हैं जो लोग कुल देवता की सवारी लेना चाहते हैं वह लोग मेरे साथ कांटक्ट कर सकते हैं साधना से अगर बंधन नहीं हुआ तो देवता आप को देखेंगे जरूर बाकी की जितनी भी साधना सिद्धियां एवं नियम होते हैं वह गुरु सानिध्य नहीं होते हैं आदेश आदेश जय गुरु गोरखनाथ सनी नाथ शर्मा 

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